अमर्त्य सेन (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
नोबेल पुरस्कार विजेता और अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन का नालंदा विश्वविद्यालय में नौ वर्ष का लंबा कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है. सरकार ने प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के संचालक मंडल का पुनर्गठन किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आलोचक अमर्त्य सेन नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति थे और उनका कार्यकाल पिछले वर्ष जुलाई में समाप्त हो गया था, लेकिन उसके बाद उन्हें संचालक मंडल के एक सदस्य के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करना था.
सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने विश्वविद्यालय के विजिटर के रूप में नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम, 2010 के प्रावधान के अनुसार संचालक मंडल के पुनर्गठन की मंजूरी दे दी है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आलोचक अमर्त्य सेन नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति थे और उनका कार्यकाल पिछले वर्ष जुलाई में समाप्त हो गया था, लेकिन उसके बाद उन्हें संचालक मंडल के एक सदस्य के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करना था.
सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने विश्वविद्यालय के विजिटर के रूप में नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम, 2010 के प्रावधान के अनुसार संचालक मंडल के पुनर्गठन की मंजूरी दे दी है.
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