बिहार के कई ज़िलों में अलग-अलग घटनाओं में ज़हरीली शराब (poisonous liquor) पीकर 70 से अधिक लोगों की मौत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) चौतरफा आलोचना का सामना कर रहे हैं. इन घटनाओं को देखते हुए नीतीश कुमार मंगलवार को एक राज्यस्तरीय समीक्षा करेंगे. हालांकि बीजेपी (BJP) और जीतन राम मांझी की पुनर्विचार की बार-बार मांग के बाद नीतीश कुमार ने साफ़ कर दिया है कि फ़िलहाल बिहार में शराबबंदी ( liquor ban) लागू रहेगी. लेकिन इसे और सख़्ती से कैसे लागू कराया जाए, इसके बारे में भविष्य में जो कदम उठाने हैं उसके बारे में फ़ैसला लिया जाएगा.
हालांकि विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने सोमवार को फिर नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वो समीक्षा केवल अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए कर रहे हैं. बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है.तेजस्वी ने आरोप लगाया है कि बिहार में शराबबंदी की नाकामी नीतीश कुमार की असफलता है. जहरीली शराबकांड में होने वाली हर मौत के नीतीश कुमार खुद जिम्मेदार हैं.
उन्होंने सवाल दागा कि क्या नीतीश कुमार नहीं जानते कि शराबबंदी को लचर तरीके से लागू करने के कारण बिहार में 20 हजार करोड़ की एक समानांतर अवैध इकोनॉमी खड़ी हो गई है. इससे जेडीयू- बीजेपी में बैठे शराब माफिया, सरकारी अफसर और पुलिस प्रशासन के लोग फायदा उठा रहे हैं? तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने शराबबंदी से अवैध कमाई को अपनी पार्टी की रीढ़ की हड्डी बना लिया है.
शराब माफिया से मिलीभगत पर किसी वरिष्ठ अफसर या सत्तारूढ़ नेता पर कार्रवाई नहीं हुई है. जबकि बीजेपी-जेडीयू के नेताओं के खिलाफ लगातार सबूत मिलते रहे हैं. इनके वीडियो भी वायरल होते रहे है. बिहार में हाल ही में जहरीली शराब से मौतों की कई बड़ी घटनाएं सामने आई हैं. यूपी और अन्य पड़ोसी राज्यों से बिहार में शराब की तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है. शराबबंदी से मिलावटी जहरीली शराब पीने से मौतें हो रही हैं.
बिहार में जहरीली शराब पीने से 25 से ज्यादा लोगों की मौत
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