- निशिकांत दुबे ने झारखंड के मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के BLO को बांधने वाले बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताया.
- निशिकांत दुबे ने कहा कि BLO जैसे अधिकारियों का घर-घर सत्यापन प्रशासनिक व्यवस्था का हिस्सा है.
- डॉ. इरफान अंसारी ने SIR पर सवाल खड़े किए थे.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के BLO को बांधने वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसे न केवल गैर-जिम्मेदाराना बताया, बल्कि गुमराह करने की कोशिश भी कहा. निशिकांत दुबे ने कहा कि इससे समाज में भ्रम फैलता है.
निशिकांत दुबे ने कहा, 'SIR को लेकर मंत्री डॉ. इरफान का बयान न सिर्फ गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि जनता को गुमराह करने की कोशिश भी है. बीएलओ जैसे जमीनी स्तर पर काम करने वाले अधिकारी जब घर-घर जाकर सत्यापन करते हैं, तो उन्हें बांधने की बात करना प्रशासनिक व्यवस्था और लोकतांत्रिक मर्यादा का अपमान है. ऐसे बयान समाज में भ्रम फैलाते हैं. कांग्रेस ने हमेशा से यही राजनीती की है और बांग्लादेशी घुसपैठियों का साथ दिया है.'
SIR को लेकर मंत्री डॉ. इरफान का बयान न सिर्फ गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि जनता को गुमराह करने की कोशिश भी है। बीएलओ जैसे ज़मीनी स्तर पर काम करने वाले अधिकारी जब घर-घर जाकर सत्यापन करते हैं, तो उन्हें बांधने की बात करना प्रशासनिक व्यवस्था और लोकतांत्रिक मर्यादा का अपमान है। ऐसे बयान… pic.twitter.com/PHd3zmJQpk
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) November 24, 2025
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क्या था डॉ. इरफान का बयान?
दरअसल झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने एसआईआर (SIR) को लेकर केंद्र सरकार और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए थे. रविवार को ‘सेवा के अधिकार सप्ताह' के कार्यक्रम के दौरान उन्होंने दावा किया कि एसआईआर के नाम पर भाजपा लोगों को घुसपैठिया घोषित कर वोटर लिस्ट से नाम हटाने की साजिश कर रही है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे एसआईआर का विरोध करें और यदि बीएलओ घर पर जानकारी लेने आएं तो उन्हें बांधकर रखने तक की बात कही.
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'बिहार में 65 लाख लोगों के नाम काटे'
मंत्री ने कहा कि बिहार में एसआईआर के बहाने करीब 65 लाख लोगों के नाम वोटर सूची से हटाए गए, जिससे महागठबंधन को करीब 80 विधानसभा सीटों का नुकसान हुआ. उनका कहना था कि इससे कई नागरिक मतदान के अधिकार से वंचित हो गए और उनकी नागरिकता पर भी सवाल खड़ा कर दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अब इसी प्रक्रिया को बंगाल और फिर झारखंड में लागू करने की तैयारी कर रही है.
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