विज्ञापन

जस्टिस सूर्यकांत ने भारत के नए चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली, उनके बारे में 10 फैक्ट्स

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस सूर्यकांत को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. खास बात यह रही कि उन्होंने शपथ हिंदी में ली.

जस्टिस सूर्यकांत ने भारत के नए चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली, उनके बारे में 10 फैक्ट्स
  • न्यायमूर्ति सूर्यकांत भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में लगभग पंद्रह महीनों तक कार्य करेंगे.
  • उन्होंने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में सेवा दी और 2019 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने.
  • सूर्यकांत कई महत्वपूर्ण फैसलों में शामिल रहे, जिनमें राजद्रोह कानून को अस्थायी रूप से स्थगित करना भी शामिल है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने सोमवार को भारत के 53वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली. न्यायमूर्ति बीआर गवई का स्थान लेने वाले न्यायमूर्ति कांत लगभग 15 महीनों तक भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य करेंगे. न्यायमूर्ति सूर्यकांत कई ऐतिहासिक फैसलों में शामिल रहे हैं. 

  1. न्यायमूर्ति सूर्यकांत 9 फरवरी, 2027 को 65 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद पदमुक्त होंगे. उनका जन्म 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के हिसार में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था. उन्होंने 1981 में हिसार के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की. उन्होंने 1984 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से कानून से स्नातक की उपाधि (बैचलर डिग्री) प्राप्त की.
  2. न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने 1984 में हिसार जिला न्यायालय में वकालत शुरू की. इसके बाद, 1985 में वे पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में वकालत करने के लिए चंडीगढ़ चले गए. इसके बाद, 2000 में वे हरियाणा के सबसे युवा महाधिवक्ता बने. उन्हें 2011 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से कानून में स्नातकोत्तर उपाधि (मास्टर्स डिग्री) प्राप्त करने में 'प्रथम श्रेणी प्रथम' स्थान प्राप्त करने का गौरव भी प्राप्त है.
  3. इसके बाद न्यायमूर्ति कांत को 2018 में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया.
  4. 2019 में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने. यहां वे कई महत्वपूर्ण फैसलों का हिस्सा रहे हैं, जिनमें राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों से निपटने में राज्यपाल और राष्ट्रपति की शक्तियों पर हाल ही में पारित राष्ट्रपति संदर्भ भी शामिल है. वे उस पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने औपनिवेशिक काल के राजद्रोह कानून को स्थगित रखा था और निर्देश दिया था कि सरकार की समीक्षा तक इसके तहत कोई नया मामला दर्ज न किया जाए.
  5. न्यायमूर्ति कांत ने चुनाव आयोग से बिहार में मसौदा मतदाता सूची से बाहर रखे गए 65 लाख मतदाताओं का ब्योरा सार्वजनिक करने का भी आग्रह किया. वह राज्य में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कराने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे थे, जहां हाल ही में विधानसभा चुनाव हुए.
  6. उन्होंने उस पीठ का भी नेतृत्व किया, जिसने गैरकानूनी रूप से पद से हटाई गई एक महिला सरपंच (ग्राम प्रधान) को बहाल किया और इस मामले में लैंगिक भेदभाव की निंदा की. उन्हें यह निर्देश देने का भी श्रेय दिया जाता है कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन सहित बार एसोसिएशनों में एक-तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएं.
  7. न्यायमूर्ति कांत उस पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा उल्लंघन की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा ​​की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति नियुक्त की थी. उन्होंने कहा था कि ऐसे मामलों में 'न्यायिक रूप से प्रशिक्षित दिमाग' की आवश्यकता होती है.
  8. उन्होंने रक्षा बलों के लिए वन रैंक-वन पेंशन योजना को भी बरकरार रखा और इसे संवैधानिक रूप से वैध बताया तथा सशस्त्र बलों में स्थायी कमीशन में समानता की मांग करने वाली महिला अधिकारियों की याचिकाओं पर सुनवाई जारी रखी.
  9. न्यायमूर्ति कांत उस सात न्यायाधीशों की पीठ में थे, जिसने 1967 के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के फैसले को खारिज कर दिया था, जिससे संस्थान के अल्पसंख्यक दर्जे पर पुनर्विचार का रास्ता खुल गया था.
  10. वह उस पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने पेगासस स्पाइवेयर मामले की सुनवाई की थी और जिसने गैरकानूनी निगरानी के आरोपों की जांच के लिए साइबर विशेषज्ञों का एक पैनल नियुक्त किया था, जिसमें कहा गया था कि स्टेट को "राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में मुफ्त पास" नहीं मिल सकता है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com