सलविंदर सिंह
नई दिल्ली:
पठानकोट वायुसेना ठिकाने पर हुए आतंकवादी हमले के सिलसिले में पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी सलविंदर सिंह से सोमवार को एनआईए ने आठ घंटे तक पूछताछ की, जिस दौरान जांचकर्ताओं को दिए उनके बयानों में विरोधाभास नजर आए।
गृहमंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि एनआईए उन चार आतंकवादियों के शवों की पहचान करने की भी कोशिश कर रही है जिनके शव हमला स्थल से मिले थे। इसने इंटरपोल से जारी एक ‘ब्लैक नोटिस’ पाया है। किसी देश में अज्ञात शवों के पाए जाने पर उसकी पहचान के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
सूत्रों ने बताया कि एनआईए ने शव के कुछ हिस्से भी सीएफएसएल को भेजे हैं ताकि यह पता चल सके कि क्या ये शव उन शेष दो आतंकवादियों के हैं जो सुरक्षाबलों के साथ 80 घंटे तक चली मुठभेड़ में शामिल थे। इस हमले में सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे।
सिंह यहां एजेंसी मुख्यालय में पहंचे। उनसे सुबह 11 बजे से लेकर शाम सात बजे तक गहन पूछताछ की गई और पूछताछ के लिए फिर से आने को कहा गया।
एजेंसी सूत्रों ने उनका ‘लाई डिटेक्टर टेस्ट’ कराने की बात से भी इनकार नहीं किया है। पूछताछ कल भी जारी रहेगी जब उनके रसोइये मदन गोपाल से भी पूछताछ की जाएगी।
सूत्रों ने दावा किया कि गोपाल का सिंह से आमना सामना भी कराया जा सकता है क्योंकि सिंह आतंकवादियों द्वारा अपने कथित अपहरण के बारे में अभी तक कई अहम सवालों के स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे हैं।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि एनआईए ने उनके रसोइये मदन गोपाल को भी पूछताछ के लिए मुख्यालय में तलब किया है और यदि जरूरत पड़ी तो दोनों का आमना सामना कराया जाएगा।
1-2 जनवरी की दरम्यानी रात आतंकवादियों के घुसने के फौरन बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने यह मामला अपने हाथ में ले लिया था। एनआईए ने सिंह को तलब किया क्योंकि आतंकवादियों ने वायुसेना ठिकाने में घुसने से पहले उन्हें नववर्ष की रात अगवा कर लिया था।
सिंह फिलहाल पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी हैं और गुरदासपुर के एसपी (मुख्यालय) पद से हटाए जाने के बाद से वह पंजाब सशस्त्र पुलिस की 75 वीं बटालियन में सहायक कमांडेंट के रूप में पदस्थ हैं।
गृहमंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि एनआईए उन चार आतंकवादियों के शवों की पहचान करने की भी कोशिश कर रही है जिनके शव हमला स्थल से मिले थे। इसने इंटरपोल से जारी एक ‘ब्लैक नोटिस’ पाया है। किसी देश में अज्ञात शवों के पाए जाने पर उसकी पहचान के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
सूत्रों ने बताया कि एनआईए ने शव के कुछ हिस्से भी सीएफएसएल को भेजे हैं ताकि यह पता चल सके कि क्या ये शव उन शेष दो आतंकवादियों के हैं जो सुरक्षाबलों के साथ 80 घंटे तक चली मुठभेड़ में शामिल थे। इस हमले में सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे।
सिंह यहां एजेंसी मुख्यालय में पहंचे। उनसे सुबह 11 बजे से लेकर शाम सात बजे तक गहन पूछताछ की गई और पूछताछ के लिए फिर से आने को कहा गया।
एजेंसी सूत्रों ने उनका ‘लाई डिटेक्टर टेस्ट’ कराने की बात से भी इनकार नहीं किया है। पूछताछ कल भी जारी रहेगी जब उनके रसोइये मदन गोपाल से भी पूछताछ की जाएगी।
सूत्रों ने दावा किया कि गोपाल का सिंह से आमना सामना भी कराया जा सकता है क्योंकि सिंह आतंकवादियों द्वारा अपने कथित अपहरण के बारे में अभी तक कई अहम सवालों के स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे हैं।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि एनआईए ने उनके रसोइये मदन गोपाल को भी पूछताछ के लिए मुख्यालय में तलब किया है और यदि जरूरत पड़ी तो दोनों का आमना सामना कराया जाएगा।
1-2 जनवरी की दरम्यानी रात आतंकवादियों के घुसने के फौरन बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने यह मामला अपने हाथ में ले लिया था। एनआईए ने सिंह को तलब किया क्योंकि आतंकवादियों ने वायुसेना ठिकाने में घुसने से पहले उन्हें नववर्ष की रात अगवा कर लिया था।
सिंह फिलहाल पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी हैं और गुरदासपुर के एसपी (मुख्यालय) पद से हटाए जाने के बाद से वह पंजाब सशस्त्र पुलिस की 75 वीं बटालियन में सहायक कमांडेंट के रूप में पदस्थ हैं।
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