मोतिहारी पुलिस की मदद से NIA ने बिहार से 3 PFI संदिग्धों को हिरासत में लिया

केंद्र सरकार ने सितंबर 2022 में पीएफआई पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था. अधिसूचना में कहा गया था कि पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों या मोर्चों को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत तत्काल प्रभाव से "गैरकानूनी संघ" घोषित किया जाता है.

मोतिहारी पुलिस की मदद से NIA ने बिहार से 3 PFI संदिग्धों को हिरासत में लिया

बिहार में मोतिहारी पुलिस की मदद से एनआईए ने पीएफआई के 3 संदिग्धों को उठाया है.

पटना:

बिहार में मोतिहारी पुलिस की मदद से एनआईए ने शनिवार सुबह चकिया अनुमंडल क्षेत्र से पीएफआई के 3 संदिग्धों को हिरासत में लिया है. बिहार पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां संयुक्त रूप से पूछताछ कर रही है. पूर्वी चंपारण के पुलिस अधिक्षक कान्तेश कुमार ने बताया कि एनआईए पटना, रांची और लोकल पुलिस ने एक सूचना के आधार पर इन्हें पकड़ा है. अभी इन तीनों की पहचान भी नहीं बताई जा सकती. पूछताछ के बाद ही इस मामले में कोई जानकारी दी जाएगी.

आपको बता दें कि दो दौर की देशव्यापी छापेमारी और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 240 से अधिक नेताओं और पदाधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद, केंद्र सरकार ने सितंबर 2022 संगठन पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था. एक सरकारी अधिसूचना में कहा गया था कि पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों या मोर्चों को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत तत्काल प्रभाव से "गैरकानूनी संघ" घोषित किया गया है.

उधर, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर कथित आतंकी गतिविधियों को लेकर प्रतिबंध को उसके छात्र विंग की ओर से कोर्ट में चुनौती दी जाएगी. स्टूडेंट विंग ने इस विंग को "अलोकतांत्रिक" और "असंवैधानिक" करार दिया था. विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस मामले में प्रतिक्रिया दी थी.

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