विज्ञापन

NDTV Exclusive: 58 रास्ते, सैकड़ों किलोमीटर जंगल में तलाशी, समझिए NIA ने पहलगाम के गुनहगारों पर कैसे कसा शिकंजा

Pahalgam Terror Attack: जानकारों का मानना है कि हो सकता है NIA इस मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी दायर करें. जिसमें लश्कर ए तैयबा की पूरी साजिश और हाफिज सईद का रोल भी सामने आ सकता है. फिलहाल NIA ने 237 दिन की जांच में केस की सभी कड़ियां जोड़ दी है.

NDTV Exclusive: 58 रास्ते, सैकड़ों किलोमीटर जंगल में तलाशी, समझिए NIA ने पहलगाम के गुनहगारों पर कैसे कसा शिकंजा
NIA ने पहलगाम आतंकी हमले पर 1597 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में फाइल की है. समझें इसका निचोड़.
  • NIA ने पहलगाम आतंकी हमले की जांच कर 1597 पन्नों की चार्जशीट में पाकिस्तान से जुड़े षड्यंत्र का खुलासा किया है.
  • 22 अप्रैल 2025 को हुए हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी. NIA ने 237 दिन की जांच के बाद चार्जशीट जमा की है.
  • जांच में 7 आरोपितों के नाम सामने आए हैं, जिनमें 4 पाकिस्तानी आतंकवादी और 3 स्थानीय ओवर ग्राउंड वर्कर हैं.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

Pahalgam Terror Attack Charge Sheet: राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) ने पहलगाम आतंकी हमले के मामले में चार्जशीट दायर कर दी है. NIA ने 1,597 पन्नों की चार्जशीट में पाकिस्तान से जुड़े गहरे षड्यंत्र का विस्तृत विवरण दिया गया है. एजेंसी ने जांच के आधार पर कहा कि पाकिस्तान ‘‘भारत के खिलाफ आतंकवाद को लगातार प्रायोजित कर रहा है''. 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी. इस हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाते हुए पाकिस्तान में मौजूद आतंकवाद के 9 ठिकानों को तबाह किए. भारत की कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकी भी मारे गए. 

237 की जांच के बाद NIA ने दाखिल की चार्जशीट

अब एनआई ने 237 की जांच के बाद अपनी चार्जशीट फाइल करते हुए 4 पाकिस्तानी आतंकियों के साथ कुल 7 लोगों के नाम का उल्लेख किया है. NIA के लिए पहलगाम आतंकी हमले की जांच एक बड़ा टास्क था. इस हमले पर पूरी दुनिया की नजर थी. 237 की जांच के बाद NIA ने पाकिस्तान की इस पूरी साजिश का भंडाफोड़ किया है. 

पहलगाम आतंकी हमले की चार्जशीट लेकर कोर्ट पहुंचे NIA के अधिकारी.

पहलगाम आतंकी हमले की चार्जशीट लेकर कोर्ट पहुंचे NIA के अधिकारी.

हमले के दो महीने बाद तक कोई गिरफ्तारी नहीं, टफ था टास्क

NIA के लिए इस केस की जांच करना आसान नहीं था, क्योंकि साजिश के तार सीमापर से जुड़े थे. हमले के 2 महीने बाद तक कोई भी गिरफ्तार नहीं हुआ था इसीलिए एजेंसी की काबिलियत पर भी सवाल खड़े किए जा रहे थे, लेकिन NIA ने शुरू से ही इस मामले की एक प्रोफेशनल एजेंसी की तरह जांच की.

NIA ने कैसे की पहलगाम आतंकी हमले की जांच

  • NIA ने मौका-ए-वारदात से मिली कई चीजों की फोरेंसिक जांच करवाई. 
  • मौके से मिले कारतूस और दूसरे फॉरेसिक सबूतों को इकठ्ठा किया गया.
  • डीएनए टेस्ट के लिए लोगों के ब्लड और बाल के सैंपल लिए गए. 
  • इलाके की डिजिटल मैपिंग हुई, क्राइम सीन को रीक्रिएट किया गया.
  • मोबाइल का डंप डेटा लिया गया, आसपास लगे सीसीटीवी  कैमरे की जांच हुई.
  • चश्मदीदों के बयान दर्ज किए गए, पीड़ितों से आतंकियों के बारे में पूछताछ की गई.
  • पीड़ितों से आतंकियों के हुलिए को समझा गया, आतंकी किस भाषा में बात कर रहे थे, इसे समझा गया.
  • करीब 1000 लोगों से पूछताछ हुई, जिसमें फोटोग्राफर, स्थानीय लोग, घोड़े और खच्चर वाले, जिप लाइन ऑपरेटर, होटल वाले लोग शामिल थे.

बैसरन घाटी से निकलने वाली 58 रास्तों की सैकड़ों किमी तक जांच

NIA को जांच के दौरान पता चला कि आतंकी सेटेलाइट फोन का इस्तेमाल कर रहे थे. NIA ने सुरक्षाबलों के साथ मिलकर बैसरन घाटी से निकलने वाले 58 रास्तों से जाकर सैकड़ों किलोमीटर जंगल में तलाशी अभियान चलाया, आखिरकार NIA को पहली सफलता तब मिली जब पहलगाम से बशीर और परवेज को गिरफ्तार किया गया. 

Latest and Breaking News on NDTV

दो महीने बाद बशीर और परवेज नामक दो ओवर ग्राउंड वर्कर चढ़े हत्थे

एनआईए की जांच में सामने आया कि बशीर और परवेज जोठर, दोनों स्थानीय निवासी हैं. इन दोनों ने आतंकियों को 21 अप्रैल की रात हिल पार्क इलाके के एक ढोक (झोपड़ी) में ठहराया था. दोनों को 22 जून को गिरफ्तार किया गया था, यानी हमले के लगभग दो महीने बाद. इसके बाद इन्हीं दोनों ओवर ग्राउंड वर्कर से NIA को आतंकियों के बारे में पुख्ता जानकारी मिली और पता चला कि गोलीबारी में केवल 3 लोग शामिल थे, जिसमें कोई स्थानीय नागरिक शामिल नहीं था.

जुलाई के आखिरी हफ्ते में ऑपरेशन महादेव में तीनों आतंकी ढेर

NIA लगातार कश्मीर में सुरक्षा बलों के साथ मिलकर कश्मीर में सर्च ऑपरेशन चलाती रही और आखिरकार जुलाई के आखिरी हफ्ते में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता तब हाथ लगी जब पता चला कि पहलगाम के गुनहगार दाचीगाम-हरवान के जंगलों में छिपे हुए थे,इसके बाद सुरक्षाओं ने ऑपरेशन महादेव शुरू किया,करीब 48 घंटे तक चले इस ऑपरेशन में  तीनों पाकिस्तानी आतंकी मारे गए,जिनमें शामिल थे.

Latest and Breaking News on NDTV

ऑपरेशन महादेव में मारे गए तीनों आतंकी, जिन्होंने पहलगाम हमले को दिया था अंजाम

1. असली नाम - सुलेमान शाह
कोड नेम - फैजल जट्ट 
कैटेगरी - A+
कमांडर मास्टरमाइंड और मुख्य शूटर

2. असली नाम - अबू हमजा    
कोड नेम - अफगान
कैटेगरी - A+
कमांडर और दूसरा शूटर

3. असली नाम - यासिर
कोड नेम - जिब्रान
कैटेगरी A+
कमांडर और तीसरा शूटर 

इन तीनों के पास से पाकिस्तान सरकारी दस्तावेज और आईडी कार्ड  भी मिले

इनके पास से पाकिस्तानी सरकारी दस्तावेज और पाकिस्तान वोटर आईडी कार्ड बरामद हुए. सुलेमान शाह और अबू हमजा की जेबों से पाकिस्तान चुनाव आयोग द्वारा जारी दो वोटर स्लिप मिलीं. वोटर सीरियल नंबर लाहौर (NA-125) और गुजरांवाला (NA-79) के वोटर लिस्ट से मेल खाते हैं. 

यह भी पढ़ें - लश्कर का आतंकी था पहलगाम हमले का मास्टर माइंड, NIA की चार्जशीट में खुलासा

सैटैलाइट फोन से पारिवारिक बैंकग्राउंड की जानकारी मिली

एक सैटेलाइट फोन में मिली माइक्रो-SD कार्ड से तीनों आतंकियों की बायोमेट्रिक जानकारी (फिंगरप्रिंट, फेस टेम्पलेट, पारिवारिक बैकग्राउंड) मिली जो पाकिस्तान की NADRA डेटाबेस से जुड़ी थी. उनके पते कसूर जिले के चंगा मंगा और POK के कोइयान गांव से जुड़े हैं. 

कराची मेड चॉकलेट भी मिले

आतंकियों के पास से कैंडीलैंड" और "चोकोमैक्स" (दोनों कराची स्थित कंपनियों द्वारा बनी) चॉकलेट के रैपर उसी बैग में मिले जिसमें अतिरिक्त मैगज़ीन रखे थे. रैपर पर छपे लॉट नंबर मई 2024 में मुज़फ्फराबाद, POK भेजे गए माल से मेल खाते थे. जांच में पता चला कि आतंकियों ने मई 2022 में गुरेज़ सेक्टर से LOC पार की थी. IB की इंटरसेप्ट में पाकिस्तानी सीमा से पहला रेडियो चेक-इन 21 अप्रैल 2025 को मिला.

Latest and Breaking News on NDTV

बैसरन घाटी में फायरिंग कर दाचीगाम की ओर भागे थे आतंकी

21 अप्रैल को बशीर और परवेज के रुकने के बाद 22 अप्रैल 2025 सुबह आतंक बैसरन घाटी के मैदान तक पैदल चले. NIA के मुताबिक सुलेमान शाह के GPS डिवाइस से मिले वे पॉइंट्स वही थे, जहां से फायरिंग हुई थी. आतंकी 22 अप्रैल 2025 को दोपहर करीब 2:30 PM फायरिंग कर दाचीगाम की ओर भागे.

घटनास्थल से मिले खोखे AK-103 के मिले

फॉरेसिक जांच से पता चला कि घटनास्थल से मिली गोलियों के खोल 28 जुलाई को बरामद AK-103 से मेल खाते हैं. बैलेस्टिक रिपोर्ट से पता चला कि बैसरन में मिले 7.62 × 39 मिमी के खोखे 28 जुलाई को बरामद AK-103 राइफलों से 100% मेल खाते हैं. NIA ने जब फटे हुए कपड़े से मिला खून का डीएनए टेस्ट कराया तो वो दाचीगाम में मारे गए तीनों आतंकियों से मेल खा गया है.

NIA ने जांच में खुलासा किया कि हुवाई सैटेलाइट फोन (IMEI: 86761204-XXXXXX) 22 अप्रैल से 25 जुलाई तक रोज़ाना Inmarsat-4 F1 पर पिंग कर रहा था. इसकी लोकेशन हरवान जंगल में 4 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में ट्रायंगुलेट हुई. 

24 अप्रैल को जारी स्कैच में असली हमलावर नहीं थे

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 24 अप्रैल को हाशिम मूसा, अली भाई उर्फ तल्हा, और स्थानीय आदिल हुसैन ठोकर के स्केच जारी किए थे. बाद में NIA ने स्पष्ट किया कि वे स्केच दिसंबर 2024 की एक अलग मुठभेड़ से मिले मोबाइल फोटो के आधार पर बनाए गए थे; असली हमलावर वे नहीं थे.

मास्टमाइंड लश्कर का आतंकी सैफुल्लाह जट्ट

जांच में पता चला कि हमले का मास्टरमाइंड लश्कर का आतंकी साजिद सैफुल्लाह जट्ट है, जो LeT का दक्षिण कश्मीर प्रमुख है. वह चंगा मंगा, लाहौर का रहने वाला है. वो लगातार आतंकियों के संपर्क में था. बरामद सैट-फोन की वॉयस सैंपल उसकी पहले की इंटरसेप्टेड कॉल से मेल खाती थी.

लश्कर ए तैयबा का रावलकोट प्रमुख रिजवान अनीस 29 जुलाई को मारे गए आतंकियों के परिवारों से मिला और ग़ायबाना नमाज़ का आयोजन किया. इस घटना को स्थानीय लोगों ने रिकॉर्ड किया और अब वह भारत के आधिकारिक डोजियर में शामिल है.

जम्मू के कोर्ट में चार्जशीट लेकर पहुंचे एनआईए के अधिकारी.

जम्मू के कोर्ट में चार्जशीट लेकर पहुंचे एनआईए के अधिकारी.

दाचीगाम में लॉजिस्टिक सपोर्ट देने वाला यूसुफ कटारी भी गिरफ्तार

NIA ने इसी केस में एक और ओवर ग्राउंड वर्कर मोहम्मद यूसुफ कटारी को गिरफ्तार किया, जिसने आतंकियों को दाचीगाम के जंगलों में लॉजिस्टिक सपोर्ट किया था. NIA के मुताबिक इस मामले की साजिश में TRF जो लश्कर का एक मुखौटा संगठन है उसकी पूरी भूमिका है.

सप्लीमेंट्री चार्जशीट में लश्कर चीफ हाफिज सईद का भी आ सकता है रोल

विशेषज्ञों का मानना है कि हो सकता है NIA इस मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी दायर करें. जिसमें लश्कर ए तैयबा की पूरी साजिश और हाफिज सईद का रोल भी सामने आ सकता है. फिलहाल NIA ने 237 दिन की जांच में केस की सभी कड़ियां जोड़ दी है.

यह भी पढ़ें - कौन है साजिद जट्ट, जिसके खिलाफ पहलगाम हमले में NIA ने की चार्जशीट दायर

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com