विज्ञापन
This Article is From Jan 27, 2022

कोविड-19 की तीसरी लहर में नवजात शिशुओं में हो रही है ब्लड क्लॉटिंग की समस्या

कोविड के कारण खून के थक्के बनने के मामले अब तक वयस्कों में देखे जा रहे थे. नवजात शिशुओं में ऐसे मामले इस तीसरी लहर में दिख रहे हैं. Wockhardt अस्पताल ने ऐसे 25 मामले सामने आए हैं.

कोविड-19 की तीसरी लहर में नवजात शिशुओं में हो रही है ब्लड क्लॉटिंग की समस्या
मुंबई में ऐसे लक्षण नवजात शिशु में भी दिख रहे हैं
मुंबई:

कोविड संक्रमण के दौरान या ठीक होने के बाद भी मरीजों में नए लक्षण के रूप में खून का थक्का जमना पाया गया है, जिसके कारण मरीजों को हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, पैरालिसिस हो रहा है. मुंबई में ऐसे लक्षण नवजात शिशु में भी दिख रहे हैं. ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं. जन्म लेने के दस दिन के बाद ही एक नवजात शिशु को कोविड हुआ, उसकी मां भी संक्रमित पाई गई. तेज बुखार और सांस लेने में तकलीफ के बाद बच्चे को स्पर्श चिल्ड्रन अस्पताल में भर्ती किया गया. यहां डी-डायमर टेस्ट में पता चला की बच्चे के शरीर में काफी ब्लड क्लॉटिंग यानी खून के थक्के बन चुके हैं. 

स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में डी डायमर की नार्मल रेंज 500 नैनो ग्राम प्रति एमएल तक होती है, लेकिन इस बच्चे में 3,500 पाई गई. इस मात्रा में ये वैल्यू गम्भीर मरीजों में हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकती है.

ओमिक्रॉन अब भारत में कोरोना संक्रमण का प्रमुख वैरिएंट, डेल्टा का प्रकोप भी जारी : स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय

स्पर्श चिल्ड्रन हॉस्पिटल में पीडीऐट्रिक इंटेंसिविस्ट डॉ इरफान अली ने बताया, ‘'बच्चा कोविड पॉजिटिव था. जब इन्फ्लैमटॉरी मार्कर भेजे हमने तो पाया कि रिपोर्ट काफी हाई था. CRP 100 था और डी-डाइमर था 3,500. नॉर्मल रेंज डी-डाइमर का 0-500 रहता है और CRP का नॉर्मल रेंज है 0-5. कार्डीआलॉजिस्ट ने 2D एको किया तो उसमें पता चला की उसका हार्ट फंक्शन बहुत खराब था. डायलेटेड कोरॉनेरी थी. उस हिसाब से हमने बच्चे का ट्रीटमेंट शुरू किया. उसे ब्लड थिनर भी दिया क्यूंकि डीडायमर हाई था.''

बच्चे की मां उर्वशी जडेजा ने बताया, ‘'जन्म लेने के दस दिन बाद ही इसे दिक्कत हुई. यहां आए तो हम दोनों कोविड पॉजिटिव पाए गए. ब्लड टेस्ट हुआ और डॉक्टर ने बोला भर्ती करो. नौ दिन तक यहां इलाज हुआ. अभी मेरा बच्चा बिल्कुल ठीक है. बस थोड़ी सांस की दिक्कत है जो डॉक्टर बोल रहे हैं की कुछ दिनों के बाद बिल्कुल ठीक हो जाएगा.''

कोविड के कारण खून के थक्के बनने के मामले अब तक वयस्कों में देखे जा रहे थे. नवजात शिशुओं में ऐसे मामले इस तीसरी लहर में दिख रहे हैं. Wockhardt अस्पताल ने ऐसे 25 मामले सामने आए हैं. 

Coronavirus India Updates: देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना से 573 मरीजों की मौत

Wockhardt अस्पताल में पीडियट्रिशन डॉ वीरेंद्र वर्मा ने बताया, ‘'पहली लहर में बहुत कम मामले थे बच्चों में कोविड के. मैंने सिर्फ एक मामला देखा था. दूसरी लहर में भी इतने नहीं थे. हां MISC के मामले जरूर थे दूसरी लहर में, लेकिन अभी तीसरी लहर में खासकर बहुत बच्चे कोविड से आहत दिख रहे हैं. ओपीडी में काफी बच्चे हम देख रहे हैं और अब तक इस लहर में क्लॉटिंग, ब्रेन क्लॉटिंग और हृदय से सम्बन्धी दिक्कतों वाले हमने 20-25 कोविड पॉजिटिव बच्चे देखे हैं.''

डॉ इरफान अली ने कहा, ‘'पेरेंट्स को ये ध्यान देना है की क्या बच्चे को फीवर आ रहा है? क्या बच्चे को कफ है? क्या उनका खाना/ओरल इंटेक काफी कम हुआ है. डल, लिथार्जिक, थकान है. ऐसा कोई भी साइन है तो बच्चे को अस्पताल लेकर आना है क्योंकि बच्चे में ब्लड क्लॉट हुआ है या नहीं ये बाहर से पता लगाना मुश्किल है, ब्लड टेस्ट के बाद ही ये पता चल सकता है.''

तीसरी लहर में महाराष्ट्र में दस साल से कम कुल संक्रमितों की संख्या 2.67% है जो कि बीते दोनों लहरों से कम है. पर आंकड़ों से परे अस्पतालों की मानें तो तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की संख्या बढ़ी है.

Video : कम्युनिटी ट्रांसमिशन की स्टेज पर पहुंचा ओमिक्रॉन, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com