केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं के संरक्षण के लिए ग्राहकों को सीधे सामान बेचने वाली (डायरेक्ट सेलिंग) कंपनियों के लिए मंगलवार को नए नियम अधिसूचित करते हुए उन्हें पिरामिड एवं धन प्रसार योजनाओं को बढ़ावा देने से रोक दिया. इन कंपनियों को 90 दिनों के भीतर नए नियमों का अनुपालन करना होगा. डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों को अपने विक्रेताओं द्वारा बेचे गए उत्पादों एवं सेवाओं को लेकर आने वाली शिकायतों के लिए भी जवाबदेह बनाया जाएगा. डायरेक्ट सेलिंग उद्योग की प्रमुख कंपनियों में टपरवेयर, एमवे और ओरिफ्लेम की गिनती होती है. इन कंपनियों के संगठन ने नए नियमों का स्वागत करते हुए कहा कि इससे उद्योग को वैधता मिलेगी.
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उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने उपभोक्ता संरक्षण (सीधी बिक्री) नियम, 2021 की अधिसूचना जारी की. इस नियम के दायरे में डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के अलावा ई-कॉमर्स मंचों पर सीधे ग्राहकों को सामान बेचने वाले विक्रेता भी आएंगे. नए नियमों के तहत राज्य सरकारों को सीधी बिक्री से जुड़ी इकाइयों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक व्यवस्था बनानी होगी.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'पहली बार डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत नियम बनाए गए हैं. इन नियमों का पालन नहीं करने पर इन कंपनियों पर दंडात्मक कदम भी उठाए जाएंगे.'
नए नियमों के मुताबिक, डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां एवं डायरेक्ट विक्रेता पिरामिड योजनाओं को बढ़ावा नहीं दे सकेंगे और न ही वे किसी भी व्यक्ति को प्रत्यक्ष बिक्री कारोबार का हिस्सा बनने के लिए झांसा दे पाएंगे. अभी तक ये कंपनियां बिक्री को बढ़ावा देने के लिए ऐसी योजनाएं चलाती आ रही हैं. इसके अलावा उन पर प्रत्यक्ष बिक्री कारोबार के नाम पर धन प्रसार की योजनाएं चलाने पर भी रोक लगेगी.
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सरकार के इस कदम का डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों ने स्वागत करते हुए कहा कि नए नियम आने से अधिक स्पष्टता आएगी और इस कारोबार को वैधता मिलेगी. इसके अलावा आने वाले समय में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को लुभाने और नई तकनीक लाने में इससे मदद मिलेगी.
डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के संगठन आईडीएसए ने कहा कि इस कदम से करीब 70 लाख लोगों को रोजगार देने वाले इस क्षेत्र को ताकत मिलेगी. आईडीएसए के प्रमुख रजत बनर्जी ने कहा, 'हम नए नियमों का स्वागत करते हैं. हम पिछले दो वर्षों से सरकार को इस बारे में सुझाव देते रहे हैं. हम पूरे मन से इसका समर्थन करते हैं.'
ओरिफ्लेम इंडिया के निदेशक (उपभोक्ता मामले-एशिया) विवेक कटोच ने कहा कि प्रत्यक्ष बिक्री के नियम न सिर्फ इस उद्योग और उपभोक्ताओं को पिरामिड एवं धन प्रसार योजनाओं से संरक्षण देंगे बल्कि देश में प्रत्यक्ष बिक्री कारोबार को वैधता भी मिलेगी.
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