गिरफ्तार नक्सलियों की तस्वीर
पटना:
नक्सली अब अपना हेलीकॉप्टर भी रखना चाहते हैं। ये उनका सपना कितना सफल होगा इस बात पर निर्भर करता है कि नक्सली इसके लिए कितना संसाधन जुटा पाते हैं। पिछले दिनों केंद्रीय रिज़र्व पुलिस फ़ोर्स को नक्सलियों के पास से जो कागजात मिले हैं, उसकी जानकारी चौंकाने वाली है।
अनुज नाम के कोडवर्ड वाले नक्सली नेता के केंद्रीय समिति के सदस्य को लिखे एक पत्र के अनुसार, उसका एक ऐसे आदमी से संपर्क हुआ है, जो हीरो होंडा के दो इंजन से काम चला हेलीकॉप्टर बनाना जानता है। जिसमें कुछ आदमी और सामान ढोया जा सकता है। इस पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि अगर एक मोटर की व्यवस्था हो जाए तो उस तरह के अन्य मोटर और बनाए जा सकते हैं।
पिछले दिनों बिहार के गया में तीन वरिष्ठ नक्सली नेता गिरफ्तार हुए। साथ ही शनिवार को हुई एक मुठभेड़ में तीन नक्सली नेता के मारे जाने की खबर है। नक्सलियों के लेवी रेट चुकाने वाले हैं जिसमे बालू से भरे ट्रक से 600 रुपये, बालू से भरे ट्रेक्टर से 50 रुपये, रेलवे रैक से करीब 5 करोड़ मासिक, नक्सल क्षेत्र के हर पेट्रोल पंप से 5000 रुपये मासिक, इसके अलावा भट्टे से 5 लाख रुपये सालाना लेवी के रेट की चर्चा है।
नक्सलियों के पास से जमुई जिले के कई स्थानों के वीडियो भी मिले हैं, जिन्हें भविष्य में निशाना बनाया जा सकता है, जिसमें अधिकांश सरकारी दफ्तर और कुछ मंदिर शामिल हैं।
लेकिन इन पत्रों से एक बात स्पष्ट हुई है कि सीपीआई माओवादी ने अब रेलवे ट्रैक या रेल गाड़ी के अलावा विद्यालय या अस्पतालों को निशाना नहीं बनाने की रणनीति बनाई है, क्योंकि इससे जनता उनके खिलाफ हो जाती है।
अनुज नाम के कोडवर्ड वाले नक्सली नेता के केंद्रीय समिति के सदस्य को लिखे एक पत्र के अनुसार, उसका एक ऐसे आदमी से संपर्क हुआ है, जो हीरो होंडा के दो इंजन से काम चला हेलीकॉप्टर बनाना जानता है। जिसमें कुछ आदमी और सामान ढोया जा सकता है। इस पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि अगर एक मोटर की व्यवस्था हो जाए तो उस तरह के अन्य मोटर और बनाए जा सकते हैं।
पिछले दिनों बिहार के गया में तीन वरिष्ठ नक्सली नेता गिरफ्तार हुए। साथ ही शनिवार को हुई एक मुठभेड़ में तीन नक्सली नेता के मारे जाने की खबर है। नक्सलियों के लेवी रेट चुकाने वाले हैं जिसमे बालू से भरे ट्रक से 600 रुपये, बालू से भरे ट्रेक्टर से 50 रुपये, रेलवे रैक से करीब 5 करोड़ मासिक, नक्सल क्षेत्र के हर पेट्रोल पंप से 5000 रुपये मासिक, इसके अलावा भट्टे से 5 लाख रुपये सालाना लेवी के रेट की चर्चा है।
नक्सलियों के पास से जमुई जिले के कई स्थानों के वीडियो भी मिले हैं, जिन्हें भविष्य में निशाना बनाया जा सकता है, जिसमें अधिकांश सरकारी दफ्तर और कुछ मंदिर शामिल हैं।
लेकिन इन पत्रों से एक बात स्पष्ट हुई है कि सीपीआई माओवादी ने अब रेलवे ट्रैक या रेल गाड़ी के अलावा विद्यालय या अस्पतालों को निशाना नहीं बनाने की रणनीति बनाई है, क्योंकि इससे जनता उनके खिलाफ हो जाती है।
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