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This Article is From Jul 31, 2020

'राहुल गांधी जी, माफ कीजिए! मैं रोबोट या कठपुतली की तरह सिर हिलाने के बजाए....

कांग्रेस के लिए हमेशा मुखर और सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव पार्टी की नेता खुशबू सुंदर ने एक बयान देकर सबको चौंका दिया है. ट्विटर पर दिए इस बयान को हाल ही में पार्टी के अंदर उठे असंतोष की एक और कड़ी में देखा जा रहा है.

'राहुल गांधी जी, माफ कीजिए! मैं रोबोट या कठपुतली की तरह सिर हिलाने के बजाए....
खुशबू सुंदर ने नई शिक्षा नीति पर कहा है कि उनकी राय पार्टी से अलग है
नई दिल्ली:

कांग्रेस के लिए हमेशा मुखर और सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव पार्टी की नेता खुशबू सुंदर (Khushbu sundar) ने एक बयान देकर सबको चौंका दिया है. ट्विटर पर दिए इस बयान को हाल ही में पार्टी के अंदर उठे असंतोष की एक और कड़ी में देखा जा रहा है. लेकिन खुशबू सुंदर ने इस ट्वीट के साथ ही कई और ट्वीट किए हैं जिसमें उन्होंने कांग्रेस छोड़कर जाने की अटकलों को विराम दिया है. उन्होने कहा कि किसी भी मुद्दे पर अलग विचार रखने मतलब पार्टी छोड़कर जाना नहीं होता है. दरअसल उन्होंने गुरुवार को एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि नई शिक्षा नीति पर उनकी राय पार्टी से अलग है. लेकिन इसके आगे उन्होंने जो लिखा वह सबको चौंकाने वाला था. खुशबु सुंदर ने लिखा, 'मैं राहुल गांधी से माफी मांगती हूं लेकिन मैं रोबोट या कठपुतली की सिर हिलाने के बजाए तथ्य बोलना पसंद करती हूं. खुशबू ने इसी ट्वीट में आगे लिखा कि आप हर मुद्दे पर अपने नेता मुद्दे पर सहमत नहीं हो सकते हैं. लेकिन एक नागरिक होने के नेता इस आपको बहादुरी से अपनी राय रखना चाहिए. 

खुशबू सुंदर ने आगे लिखा, 'किसी भी बिल या ड्राफ्ट पर आपकी हमेशा एक अलग राय होगी, और मेरे जैसा कोई जो लोकतंत्र में विश्वास रखता है, वो यही सोचता है कि मुद्दों पर अलग राय रखना ठीक है. मेरा देश सभी तरह के लोगों से बना है, सभी धर्मों पर विश्वास करने वाले, न विश्वास करने वाले सभी पार्टियों और वे सभी लोग जिनके अलग-अलग विचार हैं'.  खुशबू सुंदर आगे लिखती हैं,' एक देशभक्त नागरिक होने के नाते मैं सभी चुनौतियों में एक अवसर देखना पसंद करती हूं. विपक्ष में होने के नाते यह हमारा कर्तव्य है कि गलतियों को सामने लाएं. 

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एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, मैं लिखा हर चीज में सकारात्मकता देखना पसंद करूंगी और निगेटिव बातों पर साथ मिलकर काम करना. हमें समस्याओं से निपटने का रास्ता सुझाना चाहिए न कि सिर्फ आवाज उठाना चाहिए. विपक्ष का मतलब देश के लिए काम करना भी होता है. मैं इस मामले में अटल जी के जीवन और यूपीए जहां हमने साथ मिलकर काम किया है उस पर अमल करना चाहूंगी. वहीं एक अन्य ट्वीट में खुशबू सुंदर ने लिखा है कि अंग्रेजी अहम है लेकिन मुझे अभी लगता है कि बच्चे अपनी भाषा में ज्यादा अच्छी तरह से समझते हैं. अंग्रेजी एक भाषा है जिसे आप अन्य की तरह चुनते हैं, लेकिन अहम बात ये है कि आप कितना सीखते हैं. 

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गौरतलब है कि इन सारी बातों से पहले खुशबू सुंदर ने सबसे पहले एक ट्वीट किया था. जिसमें उन्होंने लिखा, नई शिक्षा नीति पर वो कुछ सकारात्मक परिवर्तन देखती हैं. हालांकि उन्होंने यह भी लिखा कि संघियों को खुश होने की जरूरत नहीं है वो बीजेपी में नहीं जा रही हैं. वहीं उनके इस ट्वीट पर एक यूजर ने पूछा कि क्या वह डीएमके से कांग्रेस और अब बीजेपी में जा रही हैं तो उन्होने जवाब दिया, 'आपकी सोच कितनी छोटी है. शिक्षा की वजह से आपका भला हुआ होता लेकिन ऐसा हुआ नहीं.  वहीं एक कई दूसरे लोगों ने भी उनको ट्रोल करने की कोशिश की है.


 

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