विज्ञापन
This Article is From Aug 18, 2023

'नए संविधान' पर विचार 'व्यक्तिगत', PM की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष की सफ़ाई

बिबेक देबरॉय ने दोहराया कि उन्होंने संविधान को पूरी तरह रद्द कर देने का सुझाव नहीं दिया था, और यह EAC-PM और सरकार का विचार भी नहीं है. उनके मुताबिक, यह 'बौद्धिक बहस' का मामला है.

'नए संविधान' पर विचार 'व्यक्तिगत', PM की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष की सफ़ाई
EAC-PM अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने कहा कि यह पहला अवसर नहीं था, जब उन्होंने इस मुद्दे पर लिखा...
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय () ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि 77वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रकाशित उनके कॉलम में नए संविधान पर उनके विचार 'व्यक्तिगत' थे.

बिबेक देबरॉय ने अपने कॉलम में लिखा था, "अब 'हम लोगों' के लिए नया संविधान अपनाने का समय आ गया है..."

बिबेक देबरॉय ने आगे कहा कि जब भी कोई शख्स कॉलम लिखता है, तो वह लेखक के व्यक्तिगत विचारों को दर्शाता है, उस संगठन के विचारों को नहीं, जिससे वह शख्स जुड़ा हुआ है.

"कॉलम व्यक्तिगत विचार होते हैं..."

समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में बिबेक देबरॉय ने कहा, "पहली बात यह है कि जब भी कोई कॉलम लिखता है, तो हर कॉलम में हमेशा यह डिस्क्लेमर मौजूद होता है कि यह कॉलम लेखक के व्यक्तिगत विचार प्रदर्शित करता है... कॉलम उस संगठन के विचारों को प्रतिबिम्बित नहीं करता, जिससे लेखक जुड़ा हुआ है... यह सभी कॉलमों के लिए अपनाई जाने वाली मानक प्रक्रिया है, और मैं जो भी कॉलम लिखता हूं, इसी डिस्क्लेमर के साथ प्रकाशित होते हैं..."

बिबेक देबरॉय का कहना है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों ने उनके व्यक्तिगत विचारों को EAC-PM के विचार माना. उन्होंने स्पष्टीकरण दिया कि EAC-PM जब भी अपने विचारों को सार्वजनिक डोमेन में लाती है, तो वह उन्हें अपनी वेबसाइट पर अपलोड करती है, और अपने हैंडल से ट्वीट करती है.

"EAC-PM अपने विचार वेबसाइट पर पोस्ट करती है..."

PM की आर्थिक सलाहकार परिषद अध्यक्ष ने कहा, "दुर्भाग्य से इस खास केस में किसी ने इन विचारों को PM की आर्थिक सलाहकार परिषद के विचार माना... जब भी प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद अपने विचार सार्वजनिक डोमेन में लाती है, तो वह उन्हें EAC-PM की वेबसाइट पर डाल देती है, और उन्हें अपने हैंडल से ट्वीट करती है... इस खास केस में यह नहीं किया गया था...''

EAC-PM अध्यक्ष ने बताया कि यह उनके लिए पहला अवसर नहीं था, जब उन्होंने इस मुद्दे पर लिखा, और अपने मन की यह बात कही कि देश को संविधान पर पुनर्विचार करना चाहिए.

बिबेक देबरॉय ने कहा, "यह पहली बार नहीं है, जब मैंने इस तरह के मुद्दे पर लिखा... मैंने इस तरह के मुद्दों पर अतीत में भी लिख चुका हूं, और इसी तरह के विचार व्यक्त करता रहा हूं... मैंने इसी तरह के मुद्दे पर बात की है... और यह मुद्दा बेहद साधारण है... मुझे लगता है कि हमें संविधान पर दोबारा विचार करना चाहिए...''

"मैं अपने विचारों को विवादास्पद नहीं मानता..."

PM की आर्थिक सलाहकार परिषद अध्यक्ष ने यह भी कहा कि वह अपने विचारों को विवादास्पद नहीं मानते, क्योंकि हर देश कभी न कभी अपने संविधान पर पुनर्विचार करता ही है.

उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता, यह विवादास्पद है... क्योंकि समय-समय पर दुनिया का हर देश संविधान पर पुनर्विचार करता है... हम भी संशोधनों के ज़रिये ऐसा करते रहे हैं... और भारतीय संविधान के कार्यकलापों पर विचार-विमर्श के लिए एक आयोग भी गठित किया गया था..."

"बाबासाहेब के भी यही विचार थे..."

EAC-PM अध्यक्ष का कहना है कि बाबासाहेब बी.आर. अम्बेडकर ने भी इसी तरह की राय ज़ाहिर की थी. बिबेक देबरॉय ने कहा, "दरअसल, संविधान सभा के समक्ष दिए कई बयानों तथा 2 सितंबर, 1953 को राज्यसभा में दिए गए बयान में डॉ भीमराव अम्बेडकर भी कतई स्पष्ट थे कि संविधान पर पुनर्विचार होना चाहिए..."

"यह सरकार का विचार नहीं है..."

बिबेक देबरॉय ने दोहराया कि उन्होंने संविधान को पूरी तरह रद्द कर देने का सुझाव नहीं दिया था, और यह EAC-PM और सरकार का विचार भी नहीं है. उनके मुताबिक, यह 'बौद्धिक बहस' का मामला है.

उन्होंने कहा, "यह बौद्धिक बहस का मुद्दा है... मैंने यह इसलिए नहीं कहा, क्योंकि कुछ लोग यह सुझाव दे रहे थे कि संविधान को रद्द कर देना चाहिए... और निश्चित रूप से ऐसा कतई नहीं है कि यह आर्थिक सलाहकार परिषद या सरकार के विचार हैं..."

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Previous Article
महाराष्ट्र चुनाव: MVA ने फाइनल कर ली डील, जानें कांग्रेस-शिवसेना UBT और शरद पवार गुट को मिली कितनी सीटें?
'नए संविधान' पर विचार 'व्यक्तिगत', PM की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष की सफ़ाई
कश्मीर के विकास से क्यों चिढ़ते हैं आतंकवादी? गांदरबल हमले ने दिखाया इनका असली चेहरा
Next Article
कश्मीर के विकास से क्यों चिढ़ते हैं आतंकवादी? गांदरबल हमले ने दिखाया इनका असली चेहरा
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com