नेपाल सरकार ने आगामी त्योहारी मौसम में खाद्य वस्तुओं की किसी भी संभावित कमी की स्थिति से निपटने के लिए एहतियाती तौर पर भारत से धान, चावल और चीनी की आपूर्ति को सुविधाजनक बनाने का अनुरोध किया है. वाणिज्य एवं आपूर्ति मंत्रालय में संयुक्त सचिव राम चंद्र तिवारी ने कहा कि पिछले सप्ताह विदेश मंत्रालय के माध्यम से भारतीय अधिकारियों से अनुरोध किया गया था. उन्होंने कहा, "नेपाल ने भारत से 10 लाख टन धान, एक लाख टन चावल और 50,000 टन चीनी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है."
हालांकि, बाजार में चावल और चीनी की फिलहाल कोई कमी नहीं है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के भारत के फैसले के बाद इसकी संभावित कमी के बारे में अफवाहें हैं. तिवारी ने कहा, इसलिए एहतियात के तौर पर नेपाल सरकार ने भारत से इन खाद्य पदार्थों की आपूर्ति करने को कहा है.
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि ऐसी भी आशंकाएं हैं कि व्यापारी इन सामानों की जमाखोरी कर सकते हैं, जिससे त्योहारी मौसम नजदीक आने पर कीमतें बढ़ सकती हैं. उनका कहना है कि अगर स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करने के उपायों को प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया गया, तो अक्टूबर और नवंबर के बीच होने वाले नेपाल के त्योहारी मौसम में चावल और चीनी की कीमतें बढ़ने का खतरा हो सकता है.
भारत सरकार ने घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और आगामी त्योहारी के मौसम के दौरान खुदरा कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए 20 जुलाई को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. देश से निर्यात होने वाले कुल चावल में गैर-बासमती सफेद चावल का अंश लगभग 25 प्रतिशत है.
विशेषज्ञों का कहना है कि गैर-बासमती चावल के निर्यात पर भारत के प्रतिबंध और नेपाल में मौजूदा मौसम की स्थिति को देखते हुए थोड़े समय के लिए खाद्य संकट हो सकता है.
नेपाल आयातित भोजन पर बहुत अधिक निर्भर है, जो ज्यादातर भारत से है. समाचार पत्र ‘द काठमांडू पोस्ट' की हाल की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2021 से 22 मार्च तक, नेपाल ने भारत से 14 लाख टन चावल - 13.8 लाख टन गैर-बासमती चावल और 19,000 टन बासमती चावल आयात किया, जो सबसे अधिक आयात है.
नेपाली व्यापारियों का कहना है कि भारत के चावल का निर्यात बंद करने के तुरंत बाद खुदरा कीमतें 200 नेपाली रुपया (एनआर) से बढ़कर 250 एनआर प्रति 25 किलोग्राम बैग हो गईं. रिपोर्ट के अनुसार कीमतें खासकर त्योहारी के मौसम के दौरान और बढ़ने की आशंका है. नेपाल ने खाद्यान्न के लिए अनुरोध तब किया है, जब भारत देश के प्रमुख खरीद केंद्रों में भारी बारिश के बाद कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए नेपाल से टमाटर का आयात कर रहा है.
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