सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी (NEET-UG Exam) की दोबारा परीक्षा कराने से इनकार कर दिया है. इससे लाखों छात्रों ने राहत की सांस ली है. सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 के असफल अभ्यर्थियों को बड़ा झटका देते हुए मंगलवार को उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें विवादों में घिरी इस परीक्षा को रद्द कर दोबारा आयोजित कराने की मांग की गई थी. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि इसकी शुचिता से समझौता होने और अन्य गड़बड़ियों को दर्शाने वाली कोई सामग्री रिकॉर्ड में नहीं है. लेकिन इस बीच आईआईटी-दिल्ली के सुझाये उत्तर के अनुसार, नीट-यूजी मेधा सूची संशोधित की जाए. इसके बाद कुछ छात्रों के 5 अंक कटेंगे.
भौतिकी के प्रश्न पर विवाद
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से कहा कि वह भौतिकी के एक विवादास्पद प्रश्न के लिए आईआईटी-दिल्ली के तीन विशेषज्ञों की समिति द्वारा सुझाये गये उत्तर को सही मानकर अपनी मेधा सूची में संशोधन करे. एनटीए ने दोनों विकल्पों को भौतिकी के प्रश्न का सही उत्तर माना था तथा इन विकल्पों पर निशान लगाने वाले परीक्षार्थियों को चार अंक दिए थे. अदालत ने कुछ सुझाव दिया है और जल्द ही एनटीए फाइनल रिजल्ट जारी करेगी.
5 अंक का एंगल समझिए
अब केवल उन छात्रों को प्रश्न के लिए चार अंक मिलेंगे, जिनके उत्तर आईआईटी-दिल्ली द्वारा दिए गए उत्तर से मेल खाते हैं, जबकि चार लाख से अधिक ऐसे नीट अभ्यर्थी, जिन्होंने एनसीईआरटी की पुरानी पाठ्यपुस्तक के अनुसार, अन्य विकल्प का उत्तर दिया था, उन्हें पांच अंक का नुकसान होगा, ऐसे में उनकी रैंक में फेरबदल होगा. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली के तीन विशेषज्ञों की समिति ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-यूजी 2024' में पूछे गए भौतिकी के एक विवादास्पद प्रश्न का केवल एक ही सही उत्तर था, न कि दो.
1 प्रश्न के लिए 3 एक्सपर्ट की कमिटी
सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को आईआईटी-दिल्ली के निदेशक को भौतिकी के इस विवादित प्रश्न को लेकर तीन विषय विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने तथा मंगलवार दोपहर तक सही जवाब पर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था. शीर्ष रैंक पाने वालों में से एक की ओर से पेश वकील तन्वी दुबे ने कहा कि छात्रा ने 720 में से 720 अंक प्राप्त किए हैं और अगर केवल एक उत्तर को सही माना जाता है, तो उसकी रैंक काफी नीचे चली जाएगी. उन्होंने कहा कि दोनों उत्तरों को सही माना जाना चाहिए. पीठ ने उनकी दलील खारिज कर दी.
सुप्रीम कोर्ट ने नीट एग्जाम में हुई धांधली को लेकर मंगलवार को अहम फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि अब तक ऐसा कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया गया है, जिससे यह साबित हो सके कि परीक्षा में धांधली हुई है. ऐसी स्थिति में हम परीक्षा को संपन्न कराने वाले तंत्र पर सवाल नहीं उठा सकते. नीट यूजी एग्जाम अब कैंसिल नहीं होगा। नीट-यूजी मेडिकल प्रवेश परीक्षा को रद्द करना न तो उचित है और न ही आवश्यक है.
(भाषा इनपुट के साथ...)
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