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NEET पेपर लीक केस : सीबीआई 7 आरोपियों को ला रही दिल्‍ली, कोर्ट में किया जाएगा पेश

NEET Paper Leak: सीबीआई ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) पेपर लीक मामले में छह एफआईआर दर्ज की हैं.

NEET पेपर लीक केस : सीबीआई 7 आरोपियों को ला रही दिल्‍ली, कोर्ट में किया जाएगा पेश
नई दिल्‍ली:

नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार सभी 7 आरोपियों को दिल्‍ली लाया जा रहा है. इन अरोपियों को राउज एवेन्‍यू कोर्ट में पेश किया जाएगा. वहीं, ईओयू (बिहार पुलिस) द्वारा गिरफ्तार किए गए पटना के बेऊर जेल में बंद सभी 13 आरोपियों से पूछताछ करने के लिए सीबीआई अधिकारियों की एक अलग टीम जाएगी. सीबीआई ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) पेपर लीक मामले में छह एफआईआर दर्ज की हैं. एनटीए (NTA) ने देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट-यूजी परीक्षा का आयोजन किया था. इस साल पांच मई को कुल 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की गई थी. इस परीक्षा में 23 लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल हुए थे.

सीबीआई ने नीट-यूजी पेपर लीक मामले में शुक्रवार को झारखंड के हजारीबाग में स्थित एक स्कूल के प्रधानाचार्य और उप-प्रधानाचार्य को गिरफ्तार किया है.  अधिकारियों ने बताया कि ओएसिस स्कूल के प्रधानाचार्य एहसानुल हक को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा पांच मई को आयोजित मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी के लिए हजारीबाग का नगर समन्वयक बनाया गया था. उन्होंने बताया कि उप-प्रधानाचार्य इम्तियाज आलम को एनटीए का पर्यवेक्षक और ओएसिस स्कूल का केंद्र समन्वयक नियुक्त किया गया है. बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की जांच के दौरान दोनों आरोपी जांच के घेरे में आए थे. ईओयू पहले मामले की जांच कर रही थी.

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने शुक्रवार को एक बार फिर केंद्र सरकार से राज्य को मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) से छूट देने और राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रणाली को समाप्त करने का आग्रह किया है. तमिलनाडु को नीट से छूट देने के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संबोधित एक पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए चयन प्रक्रिया केवल 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर होनी चाहिए न कि इसके लिए अलग से प्रवेश परीक्षा कराई जानी चाहिए क्योंकि इससे छात्रों पर अधिक तनाव पड़ता है. स्टालिन ने अपने पत्र में कहा, "हमने तमिलनाडु में नीट परीक्षा न कराने और 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश प्रदान करने के लिए अपनी विधानसभा में सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया था. इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया है, लेकिन अभी तक मंजूरी नहीं दी गई है."

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