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This Article is From Aug 24, 2021

'कभी वापस काबुल जा भी पाऊंगी या नहीं' : भावुक होकर बोलीं अफगानिस्‍तान की गैर मुस्लिम सांसद अनारकली कौर

रुंधे गले से अनारकली कौर ने कहा, 'मैं भले ही यहां आ गई हूं पर मेरा दिल वहीं अफ़ग़ानिस्तान में है. जो अफ़ग़ानिस्तान हमने 20 साल में बनाया, वो सब ख़राब हो रहा है.'

'कभी वापस काबुल जा भी पाऊंगी या नहीं' : भावुक होकर बोलीं अफगानिस्‍तान की गैर मुस्लिम सांसद अनारकली कौर
अनारकली ने कहा-मुझे अफ़ग़ानिस्तान में बहुत प्यार मिला, मैं मुस्लिम नहीं थी फिर भी लोगों ने मुझे जिताया
नई दिल्‍ली:

Afganistan crisis: अफगानिस्‍तान पर तालिबान (Taliban) के कब्‍जे के बाद से मुल्‍क के लोगों में दहशत व्‍याप्‍त है. आम लोगों के अलावा 'खास लोग' भी खौफज़दा हैं और या तो देश छोड़ चुके हैं या जल्‍द से जल्‍द देश छोड़ना चाहते हैं. राजधानी काबुल के एयरपोर्ट पर देश से बाहर निकलने के लिए लोगों की भीड़ लग रही है. मुल्‍क की पहली गैर मुस्लिम सांसद अनारकली कौर ने भारत पहुंचने के बाद NDTV से बात की. बातचीत के दौरान उनका गला भर आया. उन्‍होंने कहा, 'अफ़ग़ानिस्तान में हमें बहुत डर था क्‍योंकि हमने पार्लियामेंट में और मीडिया में तालिबान के ख़िलाफ़ बोला था. ऐसे में तालिबान हमें नहीं छोड़ता.' अनारकली ने कहा कि तालिबान कहता है कि उन्होंने आम माफ़ी दे दी लेकिन अफ़ग़ानिस्तान के लोगों ने उसे (तालिबान को) माफ़ नहीं किया है. सब अफ़ग़ानिस्तान को छोड़कर जाना चाहते हैं.

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रुंधे गले से अनारकली ने कहा, 'मैं भले ही यहां आ गई हूं पर मेरा दिल वहीं अफ़ग़ानिस्तान में है. जो अफ़ग़ानिस्तान हमने 20 साल में बनाया, वो सब ख़राब हो रहा है. जो पहले एयरपोर्ट था वहां सब बदल गया था. एयरपोर्ट पर मैंने देखा सब टूटा था. मैं पहले जिस एयरपोर्ट पर प्रेसीडेंट के साथ जाती थी वो बदल गया है. मैं एयरपोर्ट पर यहीं सोच रही थी कि क्या मैं कभी वापस काबुल जा पाऊंगी या नहीं ?'

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उन्‍होंने कहा, ' मेरी मम्मी आज सुबह बोल रही थीं कि काबुल जाना है तो  मैंने उन्हें बोला कि सब ठीक हो जाएगा तो जाएंगे. मुझे अफ़ग़ानिस्तान में इतना प्यार मिला मैं मुस्लिम नहीं थी पर फिर भी लोगों ने मुझे जिताया.मुझे अफ़ग़ानिस्तान में लोग बहुत प्यार करते हैं. मैं यहां सुरक्षित हूं पर मेरा ध्यान मेरे देशवासियों पर लगा है. अभी तो तालिबान कह रहा है कि कुछ नहीं करेगा पर आगे पता चलेगा. मैं भारत सरकार की बहुत शुक्रगुज़ार हूं जो मुझे और परिवार को यहां लेकर आए. वापस जाने के बारे में अभी कुछ नहीं कह सकती.' 

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