पतंजलि (Patanjali) पर बॉम्बे हाइकोर्ट ने बीते दिनों 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. मामला प्रतिबंधित दवाओं (Banned Medicines) की बिक्री का है. ऐसी 14 दवाएं हैं जो बैन की गई हैं. पतंजलि की दवाएं श्वासरि गोल्ड, श्वासरि वटी, ब्रोंकोम, श्वासरि प्रवाही, श्वासरि अवलेह, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, बीपी ग्रिट, मधुग्रिट, मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर, लिवामृत एडवांस, विवोग्रिट, आईग्रिट गोल्ड, पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप पर रोक लगी है.
इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ अदालत की अवमानना केस में यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि पतंजलि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर सभी भ्रामक विज्ञापन हटा ले. उत्तराखंड औषधि लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा जिन 14 दवाओं के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं, उनके विज्ञापन प्रसारित या प्रकाशित नहीं किए जा सकते.
प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री के बिल भी दिए जा रहे
लेकिन एनडीटीवी की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि कई दुकानों पर यह दवाएं अब भी मिल रही हैं. यह पड़ताल दिल्ली और देहरादून से पटना तक की गई. सभी जगहों पर पतंजलि की बैन दवाएं उसके स्टोरों में बिकती हुईं मिलीं. सभी पतंजलि स्टोरों पर इन दवाओं की खरीदी करने पर बिल भी मिले.
दिल्ली के ग्रीन पार्क एक्सटेंशन के एक पतंजलि स्टोर में एनडीटीवी की टीम पहुंची. वहां दो दवाओं की मांग की- श्वासरि वटी और पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप. वहां दोनों दवाएं मिल गईं. बाकायदा स्टोर की ओर से इनका बिल भी मिला. जबकि इन दोनों के नाम उन 14 दवाओं में शामिल हैं जिन्हें सरकार ने बैन किया है. यही नहीं, दुकान में हमारी टीम को बीपी ग्रिट और मधुग्रिट जैसी कुछ और भी दवाएं रखी मिलीं जिन पर पाबंदी है.
पतंजलि के हलफनामे में दावे के विपरीत बिक्री
इसके पहले हम दिल्ली के जंगपुरा के भोगल के पतंजलि स्टोर भी गए. वहां भी हमने यह दवाएं मांगीं, जो कि मिल गईं. बिल भी मिल गया. पतंजलि ने अपने हलफनामे में दवाओं की बिक्री रोकने का दावा किया है, जबकि यह दवाएं पतंजलि की दुकानों पर बिक रही हैं.
एनडीटीवी की पड़ताल का सिलसिला जारी रहा. दिल्ली के कालका जी के पतंजलि स्टोर में हमारे सहयोगी पहुंचे. वहां उन्होंने मधुनाशिनी वटी, मुक्ता वटी लिवामृत एडवांस मधुग्रिट, बीपी ग्रिट, दृष्टि आई ड्रॉप, और आइग्रिट गोल्ड जैसी 8 दवाएं खरीदीं. इसके बाद लाजपतनगर के पतंजलि स्टोर पर भी यही नज़ारा रहा. यहां भी मधुनाशिनी वटी, मुक्ता वटी, मधु ग्रिट, बीपी ग्रिट सहित 10 दवाएं लीं. यह सारी दवाएं बैन दवाओं की सूची में हैं.
देहरादून में 14 में से 11 दवाएं मिल गईं
दिल्ली ही नहीं, पटना में भी हमारे सहयोगी प्रभाकर कुमार एक खुफिया कैमरा लेकर पतंजलि स्टोर पहुंचे. उन्हें भी यह दवाएं मिल गईं. यानी रोक के बाद भी इनकी बिक्री धड़ल्ले से जारी है. दिल्ली और पटना के अलावा देहरादून में भी पतंजलि स्टोर में खुलेआम बैन दवाएं मिल रही हैं. देहरादून में 14 बैन दवाओं में से 11 दवाएं मिल गईं.
इस पड़ताल से यह साफ हो गया है कि देश के कई शहरों में पतंजलि के स्टोर्स पर सरकार के बैन और अदालती फटकार का कोई असर नहीं दिख रहा है.
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