लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) में सबसे दिलचस्प राज्यों में से एक उत्तर प्रदेश है. यहां की 80 लोकसभा सीटों से यह तय होता है कि केंद्र की सत्ता पर कौन काबिज होगा? बीजेपी, कांग्रेस, सपा और बसपा के बीच जोरदार चुनावी टक्कर है. यूपी में किसका पलड़ा भारी है और यहां क्या हैं बड़े मुद्दे? एनडीटीवी के एडिटर-इन-चीफ संजय पुगलिया और राजनीतिक विश्लेषकों के एक पैनल ने वाराणसी में 'एनडीटीवी बैटलग्राउंड' (NDTV Battleground) कार्यक्रम में चुनाव के कई पहलुओं पर खास चर्चा की.
वाराणसी में NDTV Battleground कार्यक्रम में राजनीतिक विश्लेषक ने यह माना है कि महिला और लाभार्थी वर्ग चुनाव परिणाम में बड़े फैक्टर साबित होंगे. राजनीतिक विश्लेषक अमिताभ तिवारी ने कहा कि फेज- 1 एकमात्र चरण था, जहां एनडीए- इंडिया से पीछे था और 370 या 400 का आंकड़ा पार करने के लिए बीजेपी को फेज -1 में वोटिंग बढ़ाने की जरुरत थी, दक्षिण भारत के राज्यों में. 1999 में जब बीजेपी जीती थी तो जीत का मार्जिन 9 प्रतिशत था. बीजेपी 2004 का चुनाव हार गई. बीजेपी जो 2019 का चुनाव जीती है. उसमें जीत का अंतर 20 प्रतिश था. साइलेंट वोटर चुनाव की दिशा तय करते हैं. इस चुनाव चुनाव में महिलाएं और लाभार्थी अहम है. अधिकतर महिलाएं सर्वे में भाग नहीं लेती है. करीब 20-25 प्रतिशत महिलाएं ही सर्वे भी ही भाग लेती है.
#BattlegroundOnNDTV | "पिछले 15 सालों में हमने एक ट्रेंड देखा है कि चुनाव को लेकर महिलाओं का विचार पुरुषों से अलग होता" : लोकनीति के राष्ट्रीय संयोजक, संदीप शास्त्री@sanjaypugalia | @SandeepShastri2 | #ElectionsWithNDTV | #LokSabhaElections2024 pic.twitter.com/j40PTbiWtT
— NDTV India (@ndtvindia) May 16, 2024
लोकनीति के नेशनल को-ऑर्डिनेटर संदीप शास्त्री ने कहा कि हम अपने सर्वेक्षणों में कम से कम 5% महिलाओं को शामिल करने का प्रयास करते हैं. हमने पिछले 15 वर्षों में यह देखा है कि महिलाएं एक ही परिवार में भी पुरुषों की तुलना में अलग-अलग राय रखती हैं. एक परिवार में काफी फर्क होता है. परिवार, समाज और घर की समस्याएं महिलाओं के लिए मायने रखती हैं, जिसका इस चुनाव में असर देखने को मिलेगा.
सी वोटर के फाउंटर डायरेक्टर यशवंत देशमुख ने कहा कि देश बहुत बदल गया है और बदलाव तेजी से हो रहा है और केवल पीएम मोदी ही हैं जो बदलाव को समझने में सक्षम हैं. वोट बैंक के रूप में महिलाओं की तुलना लाभार्थियों से करना सही नहीं है. समीकरण और कारक अलग हैं. महिलाओं ने मतदान शौचालयों, सुरक्षा के मुद्दों पर किया. घर में शौचालय न होना महिलाओं के लिए कानून और व्यवस्था का मुद्दा था."
सी वोटर के फाउंटर डायरेक्टर यशवंत देशमुख ने कहा कि "2004 की कवायद 2024 में तो नहीं होगी. 2024 का कैलकुलेशन अलग था. 2024 का कैलकुशन अलग है."
लोकनीति नेटवर्क के नेशनल को-ऑर्डिनेटर संदीप शास्त्री ने कहा कि 2014 में जब बीजेपी रणनीति बना रही थी, तो उन्हें शानदार प्रदर्शन की जरूरत थी. बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए उन्हें यूपी में बेस्ट परफॉर्मेंस करना था. 2014 के बाद से बीजेपी ने उत्तर प्रदेश को अपना बना लिया है. 2019 के इलेक्शन में बीजेपी ने राज्य में 50 प्रतिशत वोट बैंक बनाया है. जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी की बड़ी भूमिका थी."
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