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This Article is From Apr 11, 2022

नेशनल हेराल्ड केस: कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से प्रवर्तन निदेशालय ने की पूछताछ

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले से जुड़ी धन शोधन संबंधी जांच के सिलसिले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से सोमवार को पूछताछ की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

नेशनल हेराल्ड केस: कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से प्रवर्तन निदेशालय ने की पूछताछ
खड़गे का बयान धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया जाएगा.
नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘नेशनल हेराल्ड' मामले से जुड़ी धन शोधन संबंधी जांच के सिलसिले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से सोमवार को पूछताछ की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता खड़गे (79) को जांच के संबंध में संघीय एजेंसी के समक्ष पेश होने को कहा गया था. उन्होंने बताया कि एजेंसी जांच संबंधी कुछ पहलुओं को समझना चाहती है. उन्होंने बताया कि खड़गे का बयान धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया जाएगा.

क्या है पूरा मामला

इनकम टैक्स ने अपने नोटिस में कहा, "राहुल गांधी ने 2011-12 के लिए 27 जुलाई 2011 को अपनी आय की रिटर्न दाखिल की, जिसमें 'घरेलू संपत्तियों से आय और अन्य स्रोतों से आय' के तहत 68 लाख रुपये से अधिक की आय की घोषणा की. 2015 में आयकर विभाग की जांच ने राहुल गांधी सहित कुछ व्यक्तियों के खिलाफ एक विस्तृत कर चोरी याचिका प्रस्तुत की जिसमें एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की 99.1% इक्विटी का हस्तांतरण मैसर्स यंग इंडिया में किया गया और राहुल गांधी इसमें मौजूद निदेशकों में से एक थे. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि एसोसिएट जर्नल्स एक अनलिस्टेड कंपनी है जोकि नेशनल हेराल्ड, एक उर्दू दैनिक और नवजीवन प्रकाशित करती है.

आईटी विभाग ने कहा, "हालांकि राहुल गांधी के पास यंग इंडिया के शेयर थे और 31 मार्च 2011 को अपनी संपत्ति और देनदारियों का जब उन्होंने आईटी रिटर्न्स में खुलासा किया था तब भी वो इसके निदेशकों में से एक थे, बावजूद इसके राहुल गांधी द्वारा यंग इंडिया के शेयरों के स्वामित्व का खुलासा रिटर्न्स में नहीं किया गया था." .

राहुल गांधी ने जानबूझकर इस जानकारी को छुपाया था कि उन्होंने यंग इंडिया के शेयरों में निवेश किया है और वो इसके निदेशक में से एक थे. आयकर ने आगे कहा कि AICC द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स को 90.21 करोड़ रुपये का 'फर्जी ऋण' दिया गया था, जिसे बाद में 50 लाख रुपये की मामूली राशि में यंग इंडिया का हस्तांतरण कर दिया गया जोकि पूरी तरह कर चोरी का मामला बनता है. जांच में आगे पता चला कि AJL के 9,02,168,980 शेयर, जिनमें एक शेयर का मूल्य 10 रुपये था, यंग इंडिया को आवंटित कर दिये गए थे.

एजेएल की पूरे भारत में कई संपत्तियां थीं जैसे दिल्ली, मुंबई, पटना, पंचकुला और लखनऊ शामिल हैं. जैसे ही, young india ने AJL के शेयर खरीदे, तो ये सारी संपत्तियां भी उसके पास आ गयी थीं.  यंग इंडिया नाम से ये प्राइवेट लिमिटेड कंपनी 23 नवंबर 2010 को दिल्ली में पांच लाख रुपये की पूंजी से शुरू की गई थी. जिसमें 13 दिसंबर 2010 राहुल गांधी निदेशक बने. 76 फीसदी शेयर राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पास और 12-12 फीसदी मोती लाल वोहरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास थे.

आयकर विभाग के मुताबिक, यंग इंडिया में राहुल गांधी के शेयरों के मुताबिक, उन्हें 68 लाख रुपये नहीं बल्कि 154 करोड़ रुपये की आय अर्जित होती है.  जांच के दौरान वोहरा और फर्नांडिस की मौत हो गई. खड़गे एक ट्रस्टी हैं, सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की और ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की.

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