विज्ञापन

एक सपने का सच होना! 800 साल बाद फिर खड़ी हुई नालंदा यूनिवर्सिटी; जानिए किन-किन कोर्सेज की होती है पढ़ाई

पुराना विश्वविद्यालय परिसर जिसे अब नालंदा खंडहर कहा जाता है, युनेस्को का एक विश्व विरासत स्थल बन गया है. हजारों की संख्या में पर्यटक अब इस जगह पर जाते हैं.

एक सपने का सच होना! 800 साल बाद फिर खड़ी हुई नालंदा यूनिवर्सिटी; जानिए किन-किन कोर्सेज की होती है पढ़ाई
नई दिल्ली:

बिहार के ऐतिहासिक स्थल राजगीर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने बुधवार को नालंदा विश्वविद्यालय (Nalanda University) के नए कैंपस का उद्घाटन किया. इसके साथ ही 815 साल के लंबे इंतजार के बाद नालंदा विश्वविद्यालय का केंद्र एक बार फिर से अपने पुराने स्वरूप में लौट आया है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि आने वाले समय में नालंदा विश्वविद्यालय एक बार फिर से शिक्षा, ज्ञान और सांस्कृतिक चेतना का वैश्विक केंद्र बनने वाला है. नालंदा यूनिवर्सिटी का नया कैंपस प्राचीन खंडहरों के करीब ही बनाया गया है. हालांकि इसका विस्तार प्रचीन यूनिवर्सिटी से कहीं अधिक है. बिहार सरकार की तरफ से इसके निर्माण के लिए 455 एकड़ जमीन उपलब्ध करवायी गयी.

नेट जीरो ग्रीन कैंपस का किया गया है निर्माण

करीब 455 एकड़ के दायरे में फैला नालंदा यूनिवर्सिटी कैंपस विश्व का सबसे बड़ा नेट जीरो ग्रीन कैंपस माना जाता है. इसकी इमारतें कुछ इस तकनीक से बनाई गई हैं, जो गर्मी में ठंडी और ठंड के दिनों में गर्म बनी रहती हैं. इसमें एकेडमिक बिल्डिंग्स हैं. साथ ही एक भव्य ऑडिटोरियम का निर्माण भी करवाया गया है. विशाल लाइब्रेरी के ही सात पावर प्लांट का भी निर्माण यूनिवर्सिटी में करवाया गया है. 
Latest and Breaking News on NDTV

आधुनिक नालंदा  विश्वविद्यालय में अभी 6 स्कूल ऑफ स्टडीज हैं

  1. स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज, फिलॉसफी एंड कंपेरेटिव स्टडीज
  2. स्कूल ऑफ इंटरनेशनल रिलेशन एंड पीस स्टडीज
  3. स्कूल ऑफ इकोलॉजी एंड एनवायरनमेंट स्टडीज
  4. स्कूल ऑफ हिस्टोरिकल स्टडीज
  5. बिजनेस मैनेजमेंट इन रिलेशन टू पब्लिक पॉलिसी एंड डेवलपमेंट स्टडीज
  6. स्कूल ऑफ लैंग्वेज एंड लिटरेचर/ह्यूमैनिटीज

इन विषयों में आप कर सकते हैं पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज

  1. एमए इन इकोलॉजी एंड एनवायरनमेंट स्टडीज
  2. एमए इन सस्टेनेबल डेवलपमेंट एंड मैनेजमेंट
  3. एमए इन बुद्धिस्ट स्टडीज, फिलॉसफी एंड कंपेरेटिव स्टडीज
  4. एमए इन हिंदू स्टडीज (सनातन)
  5. एमए इन हिस्टोरिकल स्टडीज
  6. एमए इन वर्ल्ड लिटरेचर

कुमारगुप्त प्रथम की थी नालंदा यूनिवर्सिटी की स्थापना
427 ईस्वी में नालंदा यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई थी, इसे दुनिया का पहला रिहाइशी विश्वविद्यालय कहा जाता है. इसकी स्थापना का श्रेय गुप्त सम्राट कुमारगुप्त प्रथम को दी जाती है. बाद में इसे हर्षवर्धन और पाल शासकों का भी संरक्षण मिला. इतिसासकारों के अनुसार इस यूनिवर्सिटी में 300 कमरे, 7 बड़े कक्ष और अध्ययन के लिए 9 मंजिला एक विशाल पुस्तकालय था. नालंदा यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी काफी बड़ी थी. जिसमें 3 लाख से अधिक किताबें हुआ करती थी.  यहां एक समय में 10,000 से अधिक छात्र और 2,700 से अधिक शिक्षक होते थे. छात्रों का चयन उनकी मेधा के आधार पर होता था और इनके लिए शिक्षा, रहना और खाना निःशुल्क था. इस विश्वविद्यालय में केवल भारत से ही नहीं, बल्कि कोरिया, जापान, चीन, तिब्बत, इंडोनेशिया, ईरान, ग्रीस, मंगोलिया आदि देशों से भी छात्र आते थे. 

Latest and Breaking News on NDTV

पुराना विश्वविद्यालय परिसर जिसे अब नालंदा खंडहर कहा जाता है, युनेस्को का एक विश्व विरासत स्थल बन गया है. हजारों की संख्या में पर्यटक अब इस जगह पर जाते हैं.

बख्तियार खिलजी के आक्रमण में बर्बाद हो गया नालंदा विश्वविद्यालय 
कई इतिहासकारों का मानना रहा है कि 1193 में तुर्क-अफ़गान सैन्य जनरल बख्तियार खिलजी के आक्रमण ने नालंदा विश्वविद्यालय को बर्बाद कर दिया. यहां विश्वविद्यालय परिसर और खासकर इसकी लाइब्रेरी में आग लगा दी गयी, जिसमें पुस्तकालय की किताबें हफ्तों तक जलती रहीं थी.  

इसी नालंदा विश्वविद्यालय में हर्षवर्धन, धर्मपाल, वसुबन्धु, धर्मकीर्ति, नागार्जुन जैसे कई महान विद्वानों ने शिक्षा प्राप्त की थी. खुदाई में नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष 1.5 लाख वर्ग फीट में मिले हैं, जो इसके विशाल और विस्तृत परिसर का केवल 10 प्रतिशत हिस्सा माना जाता है.

प्रचीन नालंदा विश्वविद्यालय में किन विषयों की होती थी पढ़ाई? 
प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय में साहित्य, ज्योतिष, मनोविज्ञान, कानून, खगोलशास्त्र, विज्ञान, युद्धनीति, इतिहास, गणित, वास्तुकला, भाषाविज्ञान, अर्थशास्त्र, चिकित्सा आदि विषय पढ़ाए जाते थे. इस विश्वविद्यालय में एक 'धर्म गूंज' नाम की लाइब्रेरी थी, जिसका अर्थ 'सत्य का पर्वत' था. इसके 9 मंजिल थे और इसे तीन भागों में विभाजित किया गया था : रत्नरंजक, रत्नोदधि और रत्नसागर. 

Latest and Breaking News on NDTV

17 देशों के सहयोग से बना है आधुनिक नालंदा यूनिवर्सिटी
अब प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज पर नई नालंदा यूनिवर्सिटी बिहार के राजगीर में 25 नवंबर 2010 को स्थापित की गई. इस विश्वविद्यालय की स्थापना नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम, 2010 के तहत की गई. इस अधिनियम में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए वर्ष 2007 में फिलीपीन में आयोजित दूसरे पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में लिए गए निर्णय को लागू करने का प्रावधान किया गया है. भारत के अलावा इस विश्वविद्यालय में जिन 17 अन्य देशों की भागीदारी है उनमें ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, ब्रुनेई दारुस्सलाम, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओस, मॉरीशस, म्यांमार, न्यूजीलैंड, पुर्तगाल, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं. 

Latest and Breaking News on NDTV

प्राचीन ख्याती दिलाएगी सरकार
विदेश मंत्रालय ने नालंदा यूनिवर्सिटी को लेकर कहा है कि  सरकार वैसा ही वैभव दिलाना चाहती है, जैसा 800 साल पहले इस  विश्वविद्यालय का हुआ करता था.  सरकार विश्वविद्यालय को शिक्षा का नया केंद्र बनाना चाहती है. आधुनिक  विश्वविद्यालय में भी एक विशाल लाइब्रेरी का निर्माण किया गया है. 
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
MUDA जमीन घोटाला: थम नहीं रहीं सिद्धारमैया की मुश्किलें, पहले FIR के आदेश, अब CBI जांच की मांग
एक सपने का सच होना! 800 साल बाद फिर खड़ी हुई नालंदा यूनिवर्सिटी; जानिए किन-किन कोर्सेज की होती है पढ़ाई
Jammu Kashmir Election: जम्मू कश्मीर में दूसरे चरण का मतदान आज, कई इलाके अलगाववाद प्रभावित
Next Article
Jammu Kashmir Election: जम्मू कश्मीर में दूसरे चरण का मतदान आज, कई इलाके अलगाववाद प्रभावित
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com