मुंबई के शिवाजी पार्क इलाके में एक मराठी फिल्म निर्माता-निर्देशक और अभिनेता ने पेड़ पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन किया है. निदेशक की मांग है, मांग है कि फिल्म में पशु कल्याण बोर्ड एनओसी के नाम पर पैसा न ले. उनका कहना है कि इससे फिल्म की रिलीज में बाधा आ रही है. उन्होंने कहा कि एनओसी के नाम पर 30-30 हजार रुपये की मांग नहीं की जानी चाहिए.
शिवाजी पार्क में एक पेड़ पर चढ़कर मीडिया के सामने यह मांग रखी है. इस फिल्म के निर्देशक का नाम प्रवीण कुमार मोहारे है. दमकलकर्मी उसे पेड़ से नीचे उतारने की जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं. लेकिन उन्होंने कहा कि वह अपनी मांग रखे बिना नीचे नहीं उतरेंगे.
निर्देशक ने कहा कि मैं प्रवीण कुमार मोहारे, मराठी फिल्म निर्माता, निर्देशक और अभिनेता हूं. मैंने हाल ही में 'शीर्ष प्रेमाचा' नाम से एक फिल्म बनाई है. लेकिन फिर भी अगर फिल्म में मुर्गी दिखाई गई है तो उसके लिए 30 हजार रुपए देकर पास हो जाएंगे, अगर बैलगाड़ी दिखाई गई है तो 30 हजार, अगर गाय को घास चरते हुए दिखाया है तो 30 हजार रुपए की मांग की जाती है. वहीं, सेंसर बोर्ड का कहना है कि ये एनिमल वेलफेयर बोर्ड का नियम है.
नाराज निर्देशक ने कहा कि निर्माता-निर्देशकों को ब्लैकमेल किया जा रहा है. 30 हजार रुपये लेकर ये लोग किस नियम की अनदेखी करते हैं? हालांकि, फिल्म में बैलगाड़ी, मुर्गियां और हमारी संस्कृति को दिखाया गया है. लेकिन वे इसे जानवरों के साथ अन्याय बताते हैं, तो क्या अब हमें बेकार फिल्में बनानी चाहिए?
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