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This Article is From Jun 12, 2015

महाराष्ट्र : आंगनबाड़ियों के आंकड़े चौंकाने वाले, करीब 13 लाख बच्चे कुपोषित

महाराष्ट्र : आंगनबाड़ियों के आंकड़े चौंकाने वाले, करीब 13 लाख बच्चे कुपोषित
मुंंबई: महाराष्ट्र में बच्चों में व्याप्त कुपोषण हमेशा से ही एक गंभीर समस्या रही है। आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में करीब 13 लाख बच्चे कुपोषण की मार झेल रहे हैं। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई भी इससे अछूती नहीं है। मुंबई के मालवणी इलाके की अम्बुजवाडी बस्ती के कई बच्चे कुपोषण की मार झेल रहे हैं।

मई 2015 के आंकड़ों के मुताबिक, आंगनबाड़ियों के अंतर्गत आने वाले 0 से 6 साल के 761 बच्चों में से 12 बच्चे कुपोषित हैं और ये कुपोषण सी श्रेणी का है। 468 बच्चों का वज़न तय मानक से कम पाया गया है। इन आंकड़ों से यह सामने आता है कि आंगनबाड़ियों की दशा कितनी चिंताजनक है।

इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट स्कीम (आईसीडीएस) के तहत पूरे मालवणी में कुल 115 आंगनबाड़ियां हैं, जिनका सिर्फ एक ही सुपरवाइजर है। आईसीडीएस के अधिकरियों का कहना है कि मालवणी की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए उन्होंने करीब एक साल पहले इलाके में और आंगनबाड़ियों की मांग सरकार से की थी, जिस पर सरकार का तरफ से कोई जवाब अभी तक नहीं आया है।

जानकारों का कहना है कि कुपोषण जैसे मामले में किसी भी इलाके की अनदेखी एक बड़ी प्रशासकीय भूल है, जबकि सरकार कहती है कि कुपोषण की समस्या उसकी प्राथमिकताओं में से एक है। राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री का कहना है कि वे मामले की जांच करवाएंगी और अम्बुजवाड़ी के बच्चों तक हर मुमकिन मदद पहुचाएंगी।

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