बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी की लोकसभा सदस्यता को रद्द कर दिया गया है. दरअसल, उनकी सदस्यता रद्द करने का यह फैसला बीते दिनों गैंगस्टर एक्ट में उन्हें हुई चार साल की सजा के बाद लिया गया है. अफजाल अंसारी की सदस्यता को 29 अप्रैल से रद्द किया गया है. सदस्यता रद्द करने को लेकर लोकसभा सचिवालय की ओर से एक नोटिफिकेश भी जारी किया गया है. गौरतलब है कि अफजाल अंसारी से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को लेकर सूरत कोर्ट से आए फैसले के बाद इनकी सदस्यता को भी रद्द कर दी गई थी.
बता दें कि बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को एमपी/एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में 10 साल की सज़ा सुनाई गई थी. साथ ही 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. वहीं मुख्तार अंसारी के बड़े भाई और बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी (BSP MP Afzal Ansari) को भी एमपी एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया गया था. सांसद अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा और एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया गया था. कोर्ट के इस फैसले के बाद सांसद अफजाल अंसारी को पुलिस कस्टडी में ले लिया गया था.
क्या था पूरा मामला जिस पर आना है फैसला
22 नवंबर 2005 को मुहम्मदाबाद पुलिस ने भांवरकोल में कृष्णानंद राय हत्याकांड और वाराणसी में नंद किशोर रूंगटा के मामले को गैंग चार्ट में शामिल करते हुए सांसद अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी के खिलाफ गिरोह बंद अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराया था. इसके बाद से गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी जमानत पर थे.
विधायकी हारने पर कराई गई थी राय की हत्या
गाजीपुर में 29 नवंबर 2005 को मोहम्मदाबाद से तत्कालीन बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय सहित कुल 7 लोगों को गोलियों से छलनी कर दिया गया था. चुनावी रंजिश के कारण इस हत्या को अंजाम दिया गया था. इस हत्याकांड में मुख्तार अंसारी और अफजाल को आरोपी बनाया गया था. दरअसल, अंसारी ब्रदर्स के प्रभाव वाली मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर 2002 में अफजाल अंसारी को हराकर कृष्णानंद राय ने जीत हासिल की थी. इसके चलते उनकी हत्या हुई थी.
गैंगस्टर एक्ट में मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी को सजा, सांसदी जाना तय
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