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This Article is From Mar 11, 2023

मुख्तार अंसारी का ग्रुप देश का सबसे दुर्दांत गिरोह : इलाहाबाद हाईकोर्ट

अदालत ने एक मार्च को पारित आदेश में कहा, "कुछ मामलों में गवाहों के मुकरने से आरोपी यदि बरी हो गया तो इससे उसका आपराधिक इतिहास खत्म नहीं हो जाता."

मुख्तार अंसारी का ग्रुप देश का सबसे दुर्दांत गिरोह : इलाहाबाद हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने कहा कि अपराधी अगर जेल से बाहर आता है तो उससे गवाहों को खतरा होगा.
प्रयागराज:

मुख्तार अंसारी गिरोह के सदस्य और दुर्दांत अपराधी रामू मल्लाह की जमानत अर्जी खारिज करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस गिरोह को देश का सबसे दुर्दांत गिरोह करार दिया. न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने कहा, "आरोपी याचिकाकर्ता एक दुर्दांत अपराधी और भारत के सबसे दुर्दांत अपराधी गिरोह मुख्तार अंसारी गिरोह का सदस्य है. उस पर कई जघन्य अपराध के मुकदमे चल रहे हैं."

आरोपी याचिकाकर्ता की जमानत की अर्जी का विरोध करते हुए अपर शासकीय अधिवक्ता रतेंदु कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि गवाहों के मुकरने की वजह से आरोपी याचिकाकर्ता बरी हो सका.

इस पर अदालत ने कहा, "यदि सरकार गवाहों को सुरक्षा नहीं देती है तो मुकदमे की निष्पक्ष सुनवाई और निष्पक्ष गवाही संभव नहीं है. भारत में देखा गया है कि गवाहों को जान से मारने या उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धमकी से गवाह मुकर जाते हैं और आरोपी बरी हो जाता है."

अदालत ने कहा, "यदि एक अपराधी को जेल से बाहर आने दिया जाता है तो वह गवाहों को प्रभावित करने की स्थिति में होगा और सही गवाही असंभव होगी. इसलिए मुझे आरोपी याचिकाकर्ता के वकील की इस दलील में कोई दम नजर नहीं आता कि चूंकि आरोपी बरी हो चुका है, इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए. इस तरह से, जमानत की अर्जी खारिज की जाती है."

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