मध्य प्रदेश में एक व्यक्ति ने कथित तौर पर पैसे के लिए अपने 59 वर्षीय पिता की हत्या करवा दी. इसके लिए उसने फेसबुक के जरिए हत्यारे को ये काम सौंपा. पुलिस अधीक्षक (एसपी) राजेश सिंह चंदेल ने कहा कि पीड़ित महेश गुप्ता की 21-22 जुलाई की दरमियानी रात को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह जिला मुख्यालय से लगभग 75 किलोमीटर दूर पिछोर शहर में अपने घर के एक कमरे में सो रहे थे.
उन्होंने कहा कि पुलिस ने मामले के सिलसिले में तीन लोगों - बिहार के रहने वाले कथित हत्यारे अजीत सिंह, गुप्ता के बेटे अंकित (32) और उसके दोस्त नितिन लोधी को गिरफ्तार किया है. अधिकारी ने कहा कि पुलिस को अपराध में गुप्ता के बेटे की भूमिका पर संदेह था, क्योंकि वह अपने घर के ग्राउंड फ्लोर पर सो रहा था जबकि उसके पिता की तीसरी मंजिल पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
उन्होंने कहा कि अंकित से पूछताछ और मामले की जांच से पता चला कि वह अपने पिता से नाराज था क्योंकि अंकित की शराब की लत और जुए और अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के कारण वह उसे पैसे देने से मना कर देता था. अधिकारी ने कहा कि मर्डर से पहले अंकित ने ऑनलाइन जानकारी इकट्ठी की और उसके आधार पर फेसबुक के माध्यम से बिहार के 'अजीत किंग' समूह के एक गिरोह से संपर्क किया. उसने पिता के अपहरण और हत्या के लिए 1 लाख रुपये देने का वादा किया था. उसने इस अपराध की साजिश रचने में अपने दोस्त लोधी की भी मदद ली.
अंकित ने 12 जुलाई को फेसबुक पर अजीत किंग ग्रुप के एडमिन अजीत सिंह के खाते में ₹10,000 जमा किए. अंकित और लोधी ने बाद में झांसी रेलवे स्टेशन पर सिंह की अगवानी की और शिवपुरी जिले के लाभेड़ा तिराहा इलाके में उनके ठहरने की व्यवस्था की. जब अजीत सिंह ने उन्हें पैसे देने या मर्डर की प्लानिंग के बारे में पूछा तो अंकित और लोधी ने उन्हें बताया कि प्लान कैंसिल है, क्योंकि वे पैसे की व्यवस्था नहीं कर सके. एसपी ने बताया कि जब हत्यारे ने पैसे देने की जिद की तो अंकित ने उसे पिता की हत्या की योजना के बारे में बताया. लोधी ने कथित तौर पर एक देसी पिस्तौल और कारतूस की व्यवस्था की थी, जिसका इस्तेमाल अपराध में किया गया था.
उन्होंने कहा कि 21-22 जुलाई की दरमियानी रात अंकित ने अपनी पत्नी और बेटी को ग्राउंड फ्लोर पर दूसरे कमरे में सोने के लिए कहा और हत्यारे को रात करीब दो बजे घर में घुसने दिया.
उन्होंने बताया कि गोली की आवाज सुनकर अंकित की पत्नी जाग गई, लेकिन उसने बताया कि यह बिजली गिरने की आवाज थी. गुप्ता की हत्या के बाद हत्यारा चला गया और अंकित ने घर को अंदर से बंद कर दिया. अधिकारी ने बताया कि सुबह अंकित ने पड़ोसियों और पुलिस को बताया कि कुछ अज्ञात लोगों ने उसके पिता की हत्या कर दी.
पुलिस ने आगे कहा कि गुप्ता की पत्नी की करीब 20 साल पहले मौत हो गई थी और वह अपने बेटे के साथ रहता था. अधिकारी ने कहा कि गुप्ता को हाल ही में एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिला था, जब उनके दूसरे बेटे अनिल गुप्ता, जो सेना में थे, ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. इसके अलावा गुप्ता को पेंशन भी मिलती थी और अंकित की नजर पैसे पर थी.
उन्होंने कहा कि सिंह को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया, जबकि अंकित और नितिन लोधी को यहां के पिछोर शहर से गिरफ्तार किया गया. अधिकारी ने कहा कि उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और मामले की आगे की जांच जारी है.
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