मोटर व्हीकल एक्ट (Motor vehicle act) में हुए बदलाव सुर्खियां बटोर रहे हैं. यह पूरे देश में एक सितंबर से लागू हुए हैं और इससे खलबली मच गई है. हालांकि कुछ राज्यों ने इन्हें लागू नहीं करने का फैसला किया है. देश भर से खबरें आ रही हैं कि किस तरह से यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को हजारों का जुर्माना देना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा खबरें हरियाणा और ओडिशा से आई हैं. आज सड़क परिवहन मंत्रालय ने बताया है कि केवल हरियाणा में ही अभी तक नए कानून के तहत करीब साढ़े तीन सौ चालान काटे गए हैं. इनसे जुर्माने के तौर पर 52 लाख रुपये से अधिक की राशि इकट्ठी की गई है. अगर ओडिशा की बात करें तो वहां अभी तक चार हजार से भी ज्यादा चालान काटे गए हैं. इनसे 88 लाख रुपये से अधिक की राशि एकत्रित की गई. वहां 46 वाहन जब्त कर लिए गए हैं.
ऐसे कई राज्य हैं जहां की सरकारों ने कहा है कि वे इस कानून का अध्ययन करने के बाद ही इसे लागू करेंगी. ये राज्य हैं पंजाब, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान. जबकि गुजरात ने कहा है कि वह आरटीओ से रिपोर्ट मिलने के बाद प्रावधान लागू करेगा. हालांकि केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सभी राज्यों को नए कानून का पालन करना ही होगा.
दरअसल मोटर व्हीकल संविधान की समवर्ती सूची में आता है लिहाजा संसद को इस मामले में राज्यों के अधिकार परिभाषित करने की शक्ति है. अभी कुछ राज्य इस बारे में अधिसूचना को अंतिम रूप दे रहे हैं और उसके बाद ट्रैफिक पुलिस को मौके पर ही जुर्माना दिया जा सकेगा. तब तक जुर्माने की रकम अदा करने के लिए अदालत जाना होगा. राज्यों को जुर्माने की रकम दस गुना तक अधिक बढ़ाने का अधिकार भी है. नए कानून के तहत कम्पाउंडेबल अपराधों की सूची बनाई गई है. ऐसे तीस अपराध हैं जिनके लिए मौके पर ही जुर्माना दिया जा सकता है. इनमें बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाना, ओवरस्पीडिंग, बिना रजिस्ट्रेशन के गाड़ी चलाना, ओवरलोडिंग, बिना हेलमेट के दोपहिया चलाना आदि शामिल हैं.
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सरकार का कहना है कि कानून में बदलाव करने के कई फायदे हैं. इससे गाड़ियों के यातायात नियम पालन करने की इलैक्ट्रानिक तौर पर निगरानी हो सकती है. कुछ अपराधों में ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित या रद्द होने पर रिफ्रेशर ट्रेनिंग कोर्स का प्रावधान. नए अपराधों के लिए जुर्माने का प्रावधान और मौजूदा अपराधों के लिए इसे बढ़ाना. नाबालिगों के जुर्म के लिए मालिक या अभिभावक पर 25 हजार रुपये का जुर्माना और तीन साल तक की जेल का प्रावधान है. ऐसे नाबालिग को 25 साल का होने पर ही ड्राइविंग लाइसेंस मिलेगा. ओला और उबर को केंद्र की गाइडलाइंस माननी होंगी.
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कई नई सुविधाएं भी दी गई हैं, जैसे सभी फ़ॉर्म, फीस और दस्तावेज ऑनलाइन दाखिल किए जा सकेंगे. अब गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी डीलर की है और इसके लिए गाड़ी को अथारिटी के सामने नहीं ले जाना होगा. ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता की सीमा बढ़ा दी गई है. एक्सपायरी के एक साल पहले और एक साल बाद के बीच कभी भी रिन्यू कराया जा सकेगा. लाइसेंस के लिए जरूरी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की शर्त समाप्त कर दी गई है. किसी भी नुक्स के कारण केंद्र सरकार किसी भी वाहन को वापस बुलाने का आदेश उत्पादक कंपनी को दे सकती है. 'हिट एंड रन' मामलों में भी मुआवजा मिलेगा. दुर्घटना के बाद गोल्डन ऑवर के दौरान कैशलेस इलाज होगा. बीमे के लिए ड्राइवर और सहचालक या हैल्पर को थर्ड पार्टी माना जाएगा.
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ऐसे कई अपराध हैं जिनके लिए जुर्माने की रकम बढ़ा दी गई है. बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर पहले पांच सौ रुपये तक जुर्माना था. यह अब 5000 रुपये होगा. ओवरस्पीडिंग के लिए पहले चार सौ रुपये तक जुर्माना था, अब यह हल्के वाहनों के लिए एक से दो हजार रुपये होगा जबकि मध्यम और भारी वाहनों के लिए दो हजार से चार हजार रुपये. खतरनाक ड्राइविंग में पहली बार पकड़े जाने पर छह महीने तक की सजा और एक हजार तक का जुर्माना होता था. इसे अब बढ़ाकर छह महीने से एक साल तक की सजा और एक हजार से पांच हजार रुपये तक का जुर्माना कर दिया गया है. शराब पीकर गाड़ी चलाने पर पहली बार पकड़े जाने पर दो हजार तक का जुर्माना या छह महीने तक सजा का प्रावधान था. इसे अब दस हजार रुपये तक का जुर्माना और छह महीने तक की सजा कर दिया गया है. प्रदूषण मुक्त न होने पर पहले एक हजार रुपये तक का जुर्माना था जिसमें अब तीन महीने तक की सजा और दस हजार रुपये तक का जुर्माना और तीन महीने के लिए लाइसेंस रद्द करना तक शामिल हो गया है. बिना परमिट के गाड़ी चलाने पर पहले पहली बार पकड़े जाने पर दो से पांच हजार रुपये तक का जुर्माना था. अब छह महीने तक की सजा और दस हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.
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ओला, उबर जैसे एग्रीगेटर पर नियमों के उल्लंघन पर पच्चीस हजार रुपये से एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. क्षमता से अधिक यात्री बैठाने पर प्रति यात्री दो सौ रुपये जुर्माना लगेगा. सीट बेल्ट और बच्चों को सुरक्षा बेल्ट न देने पर एक हजार रुपये तक का जुर्माना. हेलमेट न पहनने पर एक हजार रुपये तक का जुर्माना और तीन महीने तक लाइसेंस रद्द. एंबुलेंस को रास्ता न देने पर दस हजार रुपये तक का जुर्माना और छह महीने तक की कैद. मोबाइल का इस्तेमाल करने पर एक हजार रुपये तक का जुर्माना.
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