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This Article is From Oct 15, 2022

दिल्ली-NCR में मदर डेयरी ने फुल क्रीम और गाय के दूध की कीमतों में किया 2 रुपये प्रति लीटर का इजाफा

मदर डेयरी ने इस बार सिर्फ फुल क्रीम और गाय के दूध की कीमतों 2-2 रुपये प्रति लीटर का इजाफा किया है. नई दरें 16 अक्टूबर 2022 से लागू हो जाएंगी.

दिल्ली-NCR में मदर डेयरी ने फुल क्रीम और गाय के दूध की कीमतों में किया 2 रुपये प्रति लीटर का इजाफा
नई दिल्ली:

मदर डेयरी ने दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर अपने दूध की कीमतों में इजाफा करने का फैसला किया है. न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार मदर डेयरी ने इस बार सिर्फ फुल क्रीम और गाय के दूध की कीमतों 2-2 रुपये प्रति लीटर का इजाफा किया है. नई दरें 16 अक्टूबर 2022 से लागू हो जाएंगी. मदर डेयरी के प्रवक्ता ने बताया कि हम सिर्फ फुल क्रीम और गाय के दूध की कीमतों में बढ़ोतरी कर रहे हैं. बढ़ाई गई दरें रविवार से लागू हो जाएंगी. इस साल यह दूसरा मौका है जब मदर डेयरी ने अपने दूध की कीमत में इजाफा किया हो. इससे पहले इसी साल अगस्त में दूध के दामों में इजाफा किया गया था.

इसी साल अगस्त में दूध आपूर्तिकर्ता अमूल और मदर डेयरी ने अपने दूध की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की घोषणा की थी. अमूल और मदर डेयरी द्वोनों ने पिछले लगभग छह माह में दूध के दाम दूसरी बार बढ़ाए थे. इससे पहले मार्च की शुरुआत में दोनों ने दूध की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी. अमूल ब्रांड के तहत दूध और अन्य डेयरी उत्पाद बेचने वाले गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) ने कहा था कि उसने गुजरात के अहमदाबाद और सौराष्ट्र, दिल्ली-एनसीआर, पश्चिम बंगाल, मुंबई और अन्य बाजारों में दूध की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है.

एक बयान में कहा गया था कि दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी से एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी, जो औसत खाद्य मुद्रास्फीति से कम है.

जीसीएमएमएफ ने कहाथा कि यह मूल्यवृद्धि दूध के परिचालन और उत्पादन की कुल लागत में वृद्धि के कारण की जा रही है. पिछले वर्ष की तुलना में अकेले पशु आहार लागत बढ़कर लगभग 20 प्रतिशत हो गई है. उत्पादन लागत में वृद्धि के मद्देनजर हमारी सदस्य यूनियनों ने भी पिछले वर्ष की तुलना में किसानों के लिए कीमतों में 8-9 प्रतिशत की वृद्धि की है.

सहकारी समिति दूध और दुग्ध उत्पादों के लिए उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान किए गए प्रत्येक रुपये के लगभग 80 पैसे दुग्ध उत्पादकों को भुगतान करती है. जीसीएमएमएफ ने कहा था कि मूल्य संशोधन से हमारे दूध उत्पादकों के लिए लाभकारी दूध की कीमतों को बनाए रखने और उन्हें उच्च दूध उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी.

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