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This Article is From May 02, 2018

RTI के दो लाख से ज़्यादा मामले लटके, पीएमओ से सूचना मांगने पर भी अक्सर होती है टालमटोल

प्रधानमंत्री ने इसी साल मार्च में दिल्ली के मुनिरका में केंद्रीय सूचना आयोग के नये चमचमाते दफ्तर का उद्घाटन किया लेकिन आयोग भीतर से बीमार पड़ा है. CIC में आयुक्तों के 11 में से 4 पद खाली पड़े हैं.

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RTI के दो लाख से ज़्यादा मामले लटके, पीएमओ से सूचना मांगने पर भी अक्सर होती है टालमटोल
नई दिल्‍ली: पारदर्शि‍ता के नाम पर RTI कानून आज बीमार पड़ा है. ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि देश में RTI के दो लाख से अधिक मामले लटके हुए हैं. आरटीआई लगाने पर न तो जानकारी मिल रही है न दोषी अधिकारियों पर पेनल्टी होती है. दक्षिण दिल्ली के खिड़की गांव इलाके में हमारी मुलाकात 60 साल की कंसो देवी से हुई. कंसो देवी की विधवा पेंशन उनके खाते में आना अचानक बन्द हो गई. कंसो देवी दूसरों के घर में खाना बनाकर गुजारा करती हैं. पिछले 4 साल से वो सूचना के अधिकार यानी RTI की मदद से अपनी पेंशन रुकने की वजह जानने की कोशिश कर रही हैं लेकिन उन्हें कोई फायदा नहीं मिला.

तहकीकात करने पर पता चला कि कंसो देवी ने पहली बार मई 2015 में सूचना के अधिकार के तहत पेंशन रुकने के बारे में जानकारी मांगी थी. 2017 में आखिरकार सूचना आयोग ने पाया कि कंसो देवी की पेंशन बन्द होने के लिये वह जिम्मेदार नहीं हैं बल्कि संबंधित विभाग की ग़लती है लेकिन न तो गलती करने वाले अफसर पर पेनल्टी ही लगी और न कंसो देवी की पेंशन आना शुरू हुई है.

इसी तरह दिल्ली के दक्षिण पुरी में रहने वाली रीना दो साल से अपने बच्चों के जाति प्रमाण पत्र के लिये धक्के का रही हैं. वो तलाकशुदा हैं और राजस्व विभाग ने कह दिया कि बच्चों के पिता का जाति प्रमाण पत्र भी चाहिये. आज दो साल बाद भी रीना का मामला केंद्रीय सूचना आयोग में लटका हुआ है. ये कुछ मामले हैं जहां RTI कानून की नाकामी का पता चलता है.

प्रधानमंत्री ने इसी साल मार्च में दिल्ली के मुनिरका में केंद्रीय सूचना आयोग के नये चमचमाते दफ्तर का उद्घाटन किया लेकिन आयोग भीतर से बीमार पड़ा है. CIC में आयुक्तों के 11 में से 4 पद खाली पड़े हैं. और इस साल के अंत तक 4 और पद खाली हो जायेंगे. ऐसा ही हाल देश के राज्यों में है. सतर्क नागरिक संगठन की रिपोर्ट बताती है कि आंध्र प्रदेश में एक भी कमिश्नर नहीं है. बाकी राज्यों की हालत भी ठीक नहीं. केरल और उत्तर पूर्व के कई राज्यों में सिर्फ एक ही कमिश्नर है. हिमाचल और झारखंड में केवल दो. गुजरात, गोवा और असम में सिर्फ 3 और बिहार में सिर्फ 4 कमिश्नर हैं.
 
information commissioner andhra pradesh 650
 
information commissioner kerala 650

एक महत्वपूर्ण तथ्य है कि सरकार ने आयुक्तों के पद सरकारी अधिकारियों से भर दिये गये हैं. गुजरात में 92%, छत्तीसगढ़, हिमाचल और महाराष्ट्र में 80% से अधिक और असम समेत उत्तर-पूर्व के कई राज्यों के 100 प्रतिशत आयुक्त सरकारी अधिकारी हैं.
 
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VIDEO: RTI से अब नहीं मिल पा रही जानकारी

आरटीआई के जानकारों का मानना है कि आयुक्त के पदों पर इतनी बड़ी संख्या में नौकरशाहों की तैनाती ठीक नहीं है. सरकारें अपने मन मुताबिक अफसरों को बिठाकर सूचना के प्रवाह को रोक सकती हैं.
 
information commissioner penalty 650

RTI कानून दोषी अधिकारियों पर 25 हज़ार रुपये तक की पेनल्टी लगाने का अधिकार देता है लेकिन दिक्कत ये है कि पूरे देश में केवल 4 प्रतिशत मामलों में पेनल्टी लग रही है. हाल ये है कि प्रधानमंत्री कार्यालय से मांगी गई सूचना का जवाब भी टालमटोली वाला होता है.

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