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This Article is From Mar 31, 2023

देश के 50 हजार से अधिक ग्राम ‘मॉडल गांव’ घोषित, स्वच्छता पर खर्च होंगे 52 हजार करोड़ रुपये

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा- ग्रामीण क्षेत्रों में हर सेकेंड पर एक परिवार को नल कनेक्शन देने का रिकॉर्ड बना

देश के 50 हजार से अधिक ग्राम ‘मॉडल गांव’ घोषित, स्वच्छता पर खर्च होंगे 52 हजार करोड़ रुपये
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

नए वित्त वर्ष में सरकार ने देश के और 50 हजार गांवों को मॉडल गांव बनाने का लक्ष्य तय किया है. स्वच्छता के लिए 52 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के व्यय का प्रावधान किया गया है. देश के ग्रामीण क्षेत्रों में हर सेकेंड एक परिवार को नल से जल का कनेक्शन दिया जा रहा. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि देश के 2,38,973 गांवों में से 50,885 ओडीएफ प्लस गांवों को मॉडल गांव का दर्जा मिल गया है. इस गांवों ने संपूर्ण स्वच्छता का लक्ष्य हासिल कर लिया है. 

शेखावत ने कहा कि, वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार ने 50 हजार से ज्यादा गांवों को मॉडल गांव बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. नए वित्त वर्ष में इस मद में कुल 52,049 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि देश में सरकार ने इस साल जनवरी से मार्च अंत तक हर सेकेंड में एक परिवार को नल से स्वच्छ जल पहुंचाने का रिकॉर्ड बनाया है.

ओडीएफ प्लस गांव पांच गुने बढ़े
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया कि मार्च 2022 में देश में ओडीएफ प्लस (खुले में शौच मुक्त) गांव 46,121 थे, जो एक वर्ष के भीतर पांच गुने बढ़कर 2,38,973 हो गए हैं. इस दौरान 50,855 गांव स्वच्छता की सर्वोच्च रैंकिंग के साथ ओडीएफ प्लस मॉडल गांव घोषित किए गए. 

शेखावत ने स्वच्छता की दिशा में बेहतरीन कार्य कर रहे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सराहना भी की. उन्होंने कहा कि केंद्र के साथ समन्वय से काम करते हुए केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दादरा और नगर हवेली के साथ दमन और दीव ने न केवल ओडीएफ प्लस का दर्जा प्राप्त किया, बल्कि उनके सभी गांव ओडीएफ प्लस मॉडल की श्रेणी में आ गए हैं.

तेलंगाना का कार्य सबसे सराहनीय
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्यों की श्रेणी में तेलंगाना का कार्य सबसे सराहनीय रहा है और वह 100 प्रतिशत ओडीएफ प्लस गांवों के साथ प्रथम स्थान पर है. 95.7 प्रतिशत ओडीएफ प्लस गांवों की संख्या के साथ तमिलनाडु दूसरे और 93.7 प्रतिशत ओडीएफ प्लस गांवों की संख्या के साथ कर्नाटक तीसरे स्थान पर है.

उन्होंने कहा कि, स्वच्छता के क्षेत्र में तेज गति से प्रगति करने वाले राज्यों में हिमाचल प्रदेश अव्वल है. इस राज्य में जहां 2022 में 18 प्रतिशत ओडीएफ प्लस गांवों की संख्या थी वह 2023 में बढ़कर 79 प्रतिशत हो गई है. मध्य प्रदेश ने भी बेहतर प्रदर्शन करते हुए 2022 में छह प्रतिशत से 2023 में 62 प्रतिशत गांवों को ओडीएफ प्लस घोषित कर दिया है. 

उत्तर प्रदेश में 47 प्रतिशत ओडीएफ प्लस गांव
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यों की सराहना करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जहां 2022 में राज्य के दो प्रतिशत गांव ओडीएफ प्लस घोषित हुए थे, वहीं 2023 में यह आंकड़ा बढ़कर 47 प्रतिशत हो गया है. पूर्वोत्तर के राज्यों में मिजोरम ने छह प्रतिशत से 35 प्रतिशत ओडीएफ प्लस गांवों के स्तर तक का सफर तय किया है.

गौरतलब है कि ओडीएफ प्लस गांव ऐसे गांव होते हैं जिनमें खुले में शौच पर पूर्ण पाबंदी हो और ग्राम पंचायत में कम से कम एक सामुदायिक शौचालय हो. इसके साथ ही गांव के सभी घरों के साथ-साथ प्राथमिक विद्यालय, पंचायत घर और आंगनवाड़ी केंद्र में शौचालय की सुविधा होना जरूरी है.

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने बताया कि एसबीएम (जी) के दूसरे चरण की गतिविधियों के लिए नए वित्त वर्ष में 52,049 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है. इसमें केंद्र सरकार राज्यों को 14,030 करोड़ रुपये की मदद करेगी. 

स्वच्छता गतिविधियों के लिए एसबीएम-2.0 मोबाइल ऐप
केंद्रीय मंत्री ने 2022-23 वित्त वर्ष की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि इस दौरान जल जीवन मिशन की तरह ही स्वच्छता की गतिविधियों को कवर करने के लिए जहां एसबीएम-2.0 मोबाइल ऐप शुरू किया गया, वहीं ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के लिए तकनीकी नियमावली और टूल किट जारी की गई हैं. 

उन्होंने संपूर्ण स्वच्छता की दिशा में किए गए प्रयासों को रेखांकित करते हुए कहा कि हमारे मंत्रालय ने प्लास्टिक कचरे, ठोस एवं तरल कचरे का संपूर्ण निपटारन की व्यवस्था सुनिश्चित की है. इसके तहत गोबरधन योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आज की तारीख में पूरे देश में 510 सामुदायिक गोबरधन परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं. साथ ही पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा एसएटीएटी के तहत 43 सीबीजी परियोजनाओं और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के साथ मिलकर 36 परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं.    

करीब 60 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को नल से जल
जल जीवन मिशन से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में शेखावत ने बताया कि 2019 में शुरू किए गए जल जीवन मिशन के तहत अब तक देश में करीब 60 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को नल से जल पहुंचाने में सफलता मिली है. इस दिशा में प्रगति की रफ्तार का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि इस साल एक जनवरी से 31 मार्च के बीच हर सेकेंड पर एक ग्रामीण परिवार को नल से जल योजना से जोड़ने का रिकॉर्ड बनाया गया.

केंद्रीय मंत्री ने जेजेएम के तहत जल की शुद्धता के मानक को बनाए रखने के लिए देश भर में 20,094 टेस्टिंग लैब की स्थापना और इसके अलावा पंचायत स्तर पर महिलाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें फील्ड टेस्टिंग किट मुहैया कराए जाने का भी उल्लेख किया.

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