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This Article is From Sep 26, 2023

उत्तर-पश्चिम भारत में 2-3 दिनों में हो सकती है मॉनसून की वापसी, खरीफ फसलों के प्रोडक्शन पर पड़ेगा असर

अगस्त महीने में झारखण्ड, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में बारिश की कमी काफी ज़्यादा थी, जो 25 सितम्बर तक भारी बारिश की वजह से काफी घट गई है

उत्तर-पश्चिम भारत में 2-3 दिनों में हो सकती है मॉनसून की वापसी, खरीफ फसलों के प्रोडक्शन पर पड़ेगा असर
फिर हो सकती है मॉनसून का वापसी.
नई दिल्ली:

अगले दो-तीन दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत और उससे सटे पश्चिमी भारत के कुछ और हिस्सों से मॉनसून की वापसी शुरू हो जाएगी. मंगलवार को भारतीय मौसम विभाग ने ये पूर्वानुमान जारी करते हुए कहा कि इस साल सितम्बर में औसत से अधिक बारिश की वजह से देश में मॉनसून सीजन के दौरान बारिश की कमी 25 सितम्बर तक घटकर 5% रह गई. अब सबकी निगाहें खरीफ सीजन के दौरान महत्वपूर्ण खरीफ फसलों के प्रोडक्शन पर है.

देश में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सीजन के दौरान बारिश की कमी अगस्त महीने तक 10% थी, जो 25 सितम्बर तक घटकर 5% रह गई. सितम्बर महीने में औसत से अधिक बारिश की वजह से कमी की भरपाई संभव हो सकी है.

लेकिन इस मॉनसून सीजन के दौरान कृषि के दृष्टिकोण से अहम कई राज्यों में बारिश औसत से कम रिकॉर्ड की गई है.

मौसम विभाग के मुताबिक 1 जून, 2023 से 25 सितम्बर, 2023 के बीच :-

  • केरल में मॉनसून की बारिश औसत से -38% कम रही.
  • झारखण्ड में ये कमी -27% और बिहार में -22% दर्ज़ की गई.
  • उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में औसत से -18% कम बारिश रिकॉर्ड की गई.

दक्षिण-पश्चिम राजस्थान से मॉनसून के विथड्रावल की प्रक्रिया शुरू होने के बाद अब मौसम विभाग का पूर्वानुमान है पंजाब, हरियाणा और इनसे सटे इलाक़ों से भी अगले दो-तीन दिन में मॉनसून के विथड्रावल की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इन ताज़ा सेटेलाइट इमेज (Satelitte Images) में देखा जा सकता है कि पश्चिमी और उत्तर भारत के अलावा पूर्वी भारत के भी अधिकतर राज्यों के ऊपर बादल नहीं दिख रहे हैं.

मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार ने NDTV से कहा, "अगस्त महीने में झारखण्ड, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में बारिश की कमी काफी ज़्यादा थी, जो 25 सितम्बर तक भारी बारिश की वजह से काफी घट गई है."

अब सबकी निगाहें अहम खरीफ फसलों की बुआई पर है. कृषि मंत्रालय के मुताबिक :-

  • देश में खरीफ फसलों की बुआई का क्षेत्रफल पिछले साल की तुलना में 22 सितम्बर, 2023 तक 3.77 लाख हेक्टेयर तक बढ़ गया.
  • चावल की बुआई 22 सितम्बर, 2023 तक पिछले साल के मुकाबले 10.80-lakh लाख हेक्टेयर ज्यादा इलाके में हुई 
  • दलहन की बुआई इस दौरान 5.92 लाख हेक्टेयर कम इलाके में हो पाई.
  • तिलहन फसलों की बुआई भी 22 सितम्बर, 2023 तक पिछले साल के मुकाबले 3.17 लाख हेक्टेयर कम इलाके में दर्ज़ की गई है.

कॉउंसिल फॉर सोशल डेवलपमेंट के डायरेक्टर अर्थशास्त्री डॉ. नित्यानंद ने NDTV को बताया, "इस साल 22 सितंबर तक पिछले साल के मुकाबले दलहन (Pilses) और तिलहन (Oil Seeds) की फसलों की बुआई का क्षेत्रफल कुछ घटा है. अगर दाल और खाने के तेल का प्रोडक्शन कुछ कम हुआ तो हमें इनका कुछ ज्यादा आयात करना पड़ सकता है."

ज़ाहिर है, इस साल अनियमित मॉनसून का असर कुछ अहम खरीफ फसलों के प्रोडक्शन पर पड़ना तय है. 
 

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