विज्ञापन
This Article is From Nov 01, 2015

कहीं कुछ तो गड़बड़ है, जो साहित्यकार पुरस्कार लौटा रहे हैं : उस्ताद अमजद अली खां

कहीं कुछ तो गड़बड़ है, जो साहित्यकार पुरस्कार लौटा रहे हैं : उस्ताद अमजद अली खां
उस्ताद अमजद अली खां (फाइल फोटो)
लखनऊ: विश्वविख्यात सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खां ने देश के हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो बहुत कुछ करना चाहते हैं, लेकिन उनके आसपास के कुछ लोग हैं, जिन्हें वह नियंत्रित करें।

उस्ताद ने कहा, 'जो हो रहा है, उससे काफी तकलीफ है। इन्फोसिस के नारायणमूर्ति का शनिवार को एनडीटीवी पर इंटरव्यू देख रहा था, वह भी बहुत चिंतित थे। शायद हालात कुछ सामान्य नहीं हैं। मोदी जी बहुत कुछ करना चाहते हैं लेकिन उनके आसपास कुछ ऐसे लोग हैं जो मन में आए, बोल देते हैं, जो चाहते हैं, कर देते हैं। मोदी जी को ऐसे लोगों को नियंत्रित करना पड़ेगा, वरना शांति खतरे में पड़ जाएगी। मोदी जी से काफी उम्मीदें हैं।'

उस्ताद अमजद अली खां का इशारा संभवत: मोदी सरकार के उन मंत्रियों और बीजेपी के कुछ नेताओं की ओर था, जिन्होंने भडकाउ भाषण दिए और बयानबाजी की है। साहित्यकारों और कलाकारों द्वारा पुरस्कार लौटाए जाने के बारे में उन्होंने कहा, 'वे आज के हालात से परेशान हैं, इसलिए पुरस्कार लौटा रहे हैं। हमारे देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। परिस्थितियां कभी मजबूर कर देती हैं। ऐसा लगता है कि कुछ तो कहीं गड़बड़ है।'

जब पूछा गया कि हालात मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद ऐसे हुए या पहले भी थे तो उस्ताद ने कहा, 'साहित्यकार और कलाकार पुरस्कार तो अभी लौटा रहे हैं। ये पागल लोग तो हैं नहीं। वे दुखी हैं और सम्मान लौटाकर अपना दुख प्रकट कर रहे हैं। सरकार को जांच करानी चाहिए कि किस वजह से ऐसा हो रहा है।' उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि वाकई कुछ गड़बड़ है।' सरकार की ओर से मिले सम्मान वापस करने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'अभी तो देख रहा हूं हालात।'

उस्ताद ने कहा, 'हमारी शांति और एकता बनी रहे, ये सुनिश्चित करना हर इंसान का फर्ज है। हर मजहब में गलत लोग होते हैं। हर मजहब में आतंकवादी होते हैं, नकारात्मक सोच रखने वाले लोग होते हैं, ये मुझे पता है लेकिन ऐसे लोगों से सावधान रहना है।' उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की नहीं है, बल्कि हर हिन्दुस्तानी की है। हर हिन्दुस्तानी का फर्ज है कि उनके बच्चों पर दंगे फसाद का असर नहीं पड़ने पाए।

उस्ताद ने कहा, 'कोशिश होनी चाहिए कि देश की एकता और अखंडता मजबूत रहे। गंगा-जमुनी तहजीब कायम रहे। हर व्यक्ति यहां सुरक्षित रहे चाहे वह किसी भी मजहब का हो।' उन्होंने कहा कि देश में हिन्दू और मुस्लिम एक-दूसरे पर निर्भर करते हैं और ये निर्भरता ही हमारी ताकत हैं।

उन्होंने कहा, 'मेरा सरोद बनाता कौन है..हेमेन्द्र चंद्र सेन बनाते हैं। अगर वह अच्छा सरोद बनाकर नहीं दें तो मैं कैसे बजा सकूंगा।' उस्ताद अमजद अली खां ने कहा, 'आपस का भरोसा और प्यार ही देश की ताकत है। हिन्दू मजहब में मैंने बहुत नम्रता देखी है। पैर छूना, माता-पिता, गुरू के पैर छूना अच्छी बात है।'

उन्होंने कहा, 'अफसोस की बात है कि आज राजनीति पेशा बन गई है। पहले राजनीति में समर्पित लोग होते थे। आज ऐसे लोगों की जरूरत है जो शांति, एकता और खुशहाली ला सकें। एकता ही हमारी ताकत है। हमेशा से एकता ही ताकत रही है।' खां साहेब नौशाद सम्मान लेने मुंबई पहुंचे थे। उन्हें एक लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
सरोद वादक, उस्ताद अमजद अली खां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इन्फोसिस, नारायणमूर्ति, PM Narendra Modi, Amjad Ali Khan, Infosys
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com