पीएम नरेंद्र मोदी और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)
मुंबई:
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में असम में धमाकेदार जीत दर्ज करने के बावजूद सत्तारूढ़ बीजेपी अपने 'गलती तलाशने वाले ' सबसे पुराने गठबंधन सहयोगी शिवसेना का 'दिल' नहीं जीत पाई है।
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में कहा गया हैं, 'मोदी के जादू ने काम नहीं किया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन बीजेपी इन राज्यों में बड़ी सफलता हासिल नहीं कर पाई।' गौरतलब है कि पांच राज्यों के गुरुवार को आए विधानसभा परिणाम में बीजेपी ने असर में जीत दर्ज की और पश्चिम बंगाल और केरल में अपने जनाधार को बढ़ाया है। इन नतीजों से पार्टी को नवंबर में बिहार के चुनावों में मिले बड़े 'झटके' से उबरने में एक हद तक मदद मिली है।
जया, ममता व लेफ्ट को नहीं हरा पाई बीजेपी
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि नतीजे इस बात का परिणाम हैं कि देश की जनता द्वारा बीजेपी की विचाराधारा स्वीकारी और सराही जा रही है लेकिन केंद्र के साथ महाराष्ट्र की सरकार में भी बीजेपी की सहयोगी शिवसेना इससे बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं है। पार्टी के अनुसार, 'बीजेपी ने कांग्रेस को हराया लेकिन जयललिता, ममता बनर्जी या लेफ्ट को नहीं हरा पाई। हमें इस सच्चाई को स्वीकार करना होगा कि बीजेपी, क्षेत्रीय पार्टियों को नहीं हरा सकी।'
केरल में अच्छे दिन खाता खोलने तक ही रह गए
शिवसेना ने माना कि बिहार की हार की जो 'कांटा' जो गहरे तक घर कर गया है, वह अब बाहर निकल आया है लेकिन इसके साथ ही उसने कहा कि दो राज्यों में महज अपना खाता खोलना ही बीजेपी के लिए पर्याप्त नहीं है। शिवसेना के मुताबिक, 'भ्रष्टाचार, आतंकवाद और गुंडागर्दी बढ़ी है और ममतामुक्त बंगाल की जरूरत थी लेकिन बंगाली ने 'जीत का रसगुल्ला' केवल ममता को ही खिलाया। यदि बंगाल में महज खाता खोलना ही इकलौता लक्ष्य था तो पीएम, अमित शाह और बीजेपी के शीर्ष नेता वहां प्रचार को नहीं जाते।' शिवसेना के अनुसार, 'केरल में बीजेपी के अच्छे दिन सीट का खाता खोलने तक ही रह गए। '
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में कहा गया हैं, 'मोदी के जादू ने काम नहीं किया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन बीजेपी इन राज्यों में बड़ी सफलता हासिल नहीं कर पाई।' गौरतलब है कि पांच राज्यों के गुरुवार को आए विधानसभा परिणाम में बीजेपी ने असर में जीत दर्ज की और पश्चिम बंगाल और केरल में अपने जनाधार को बढ़ाया है। इन नतीजों से पार्टी को नवंबर में बिहार के चुनावों में मिले बड़े 'झटके' से उबरने में एक हद तक मदद मिली है।
जया, ममता व लेफ्ट को नहीं हरा पाई बीजेपी
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि नतीजे इस बात का परिणाम हैं कि देश की जनता द्वारा बीजेपी की विचाराधारा स्वीकारी और सराही जा रही है लेकिन केंद्र के साथ महाराष्ट्र की सरकार में भी बीजेपी की सहयोगी शिवसेना इससे बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं है। पार्टी के अनुसार, 'बीजेपी ने कांग्रेस को हराया लेकिन जयललिता, ममता बनर्जी या लेफ्ट को नहीं हरा पाई। हमें इस सच्चाई को स्वीकार करना होगा कि बीजेपी, क्षेत्रीय पार्टियों को नहीं हरा सकी।'
केरल में अच्छे दिन खाता खोलने तक ही रह गए
शिवसेना ने माना कि बिहार की हार की जो 'कांटा' जो गहरे तक घर कर गया है, वह अब बाहर निकल आया है लेकिन इसके साथ ही उसने कहा कि दो राज्यों में महज अपना खाता खोलना ही बीजेपी के लिए पर्याप्त नहीं है। शिवसेना के मुताबिक, 'भ्रष्टाचार, आतंकवाद और गुंडागर्दी बढ़ी है और ममतामुक्त बंगाल की जरूरत थी लेकिन बंगाली ने 'जीत का रसगुल्ला' केवल ममता को ही खिलाया। यदि बंगाल में महज खाता खोलना ही इकलौता लक्ष्य था तो पीएम, अमित शाह और बीजेपी के शीर्ष नेता वहां प्रचार को नहीं जाते।' शिवसेना के अनुसार, 'केरल में बीजेपी के अच्छे दिन सीट का खाता खोलने तक ही रह गए। '
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