
राजग सरकार ने संप्रग सरकार के दौरान महत्वपूर्ण पदों पर आसीन रहे अधिकारियों की मौजूदा सरकार के मंत्रियों के निजी सचिव और आफिसर आन स्पेशल ड्यूटी पदों पर नियुक्ति करने पर रोक लगाने के संबंध में जारी किए गए आदेशों का खुलासा करने से इनकार कर दिया है और कहा है कि इस प्रकार के ज्ञापन गोपनीय प्रकृति के हैं।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) के जवाब में यह जानकारी देते हुए कहा है कि मंत्रियों के निजी स्टाफ की नियुक्तियों संबंधी सरकारी ज्ञापन ‘‘गोपनीय’’ प्रकृति के हैं और ये सार्वजनिक क्षेत्र में नहीं लाए जा सकते हैं।
हालांकि विभाग ने सूचना देने से इनकार करते हुए आरटीआई के किसी उपबंध का जिक्र नहीं किया है।
डीओपीटी से इस वर्ष मई में नई सरकार के सत्ता संभालने के बाद मंत्रियों के निजी सचिव (पीएस) और ओएसडी की नियुक्तियों के संबंध में जारी सरकारी ज्ञापनों या नोट, सकरुलर आदि की प्रतियां उपलब्ध कराने को कहा गया था।
नई सरकार ने जून में अपने सभी मंत्रियों से कहा था कि वह उन अधिकारियों को अपने निजी स्टाफ में नियुक्त नहीं करे जो संप्रग सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। यह निर्देश मीडिया की सुखिर्यों में छाया रहा था और सरकार ने इससे इनकार नहीं किया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी ऐसे विभिन्न निजी सचिवों को नए मंत्रियों के स्टाफ में नियुक्त किए जाने पर रोक लगा दी थी जो पिछली सरकार में मंत्रियों के साथ काम कर चुके थे।
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