देश में अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियों को लगातार एक करने की कोशिशें की जा रही हैं. ऐसे में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन विपक्षी एकता को बढ़ावा देने वाले वार्ताकार के रूप में उभरे हैं. स्टालिन आज विपक्ष की बैठक का आयोजन कर रहे हैं, जिसमें विपक्षी पार्टियों के प्रमुख नेता शामिल हो रहे हैं. ज्यादातर नेता ऑनलाइन जुड़ चुके हैं. डीएमके ने बैठक के राजनीतिक दृष्टिकोण को लेकर इनकार किया है और कहा है कि यह सामाजिक न्याय आंदोलन को आगे ले जाने की कोशिश है.
सामाजिक न्याय पर दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हेमंत सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और अखिलेश यादव, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तृणमूल के डेरेक ओ ब्रायन, वाम दलों के नेता सीताराम येचुरी और डी राजा भाग ले रहे हैं. अन्य विपक्षी दलों में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी, तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी इसमें शामिल है.
कांग्रेस के राहुल गांधी को संसद से अयोग्य ठहराए जाने के बाद यह पहली ऐसी कोशिश है, जिसके जरिए विपक्ष साथ आता नजर आ रहा है.
हाल ही में डीएमके ने एक रैली का आयोजन किया था, जिसमें मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के 70वें जन्मदिन पर कई विपक्षी नेता एक साथ आए थे.
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