MeToo: विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने महिला पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का केस किया.
नई दिल्ली:
#MeToo कैंपेन में कई महिला पत्रकारों के यौन शोषण के आरोपों से घिरे विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर (MJ Akbar) ने महिला पत्रकार प्रिया रमानी (Priya Ramani) के ख़िलाफ़ मानहानि का केस दायर किया है. आपराधिक मानहानि की धारा IPC 499, 500 के तहत उन्होंने अपने वकील के ज़रिए ये केस दायर किया है. इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर दो साल तक की सज़ा का प्रावधान है. एक दिन पहले विदेश से लौटने के बाद एमजे अकबर ने कानूनी कार्रवाई की बात कही थी. एक लिखित बयान में ख़ुद को बेकसूर बताते हुए अकबर ने आरोपों को पूरी तरह गलत और मनगढ़ंत बताया है. अकबर ने कहा, झूठ के पैर नहीं होते लेकिन उसमें ज़हर होता है जिसे उन्माद में बदला जा सकता है. अपनी याचिका में एमजे अकबर ने कहा है कि 2016 में प्रधानमंत्री ने उन्हें मंत्री बनाया था. वो मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं. अकबर ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने करियर में कई किताबें लिखी है.
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दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि उन पर लगाए गए आरोपों से न केवल उनकी बदनामी हुई है, बल्कि सालों की कड़ी मेहनत के बाद स्थापित सामाजिक और राजनीतिक प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंची है. इनसे न केवल उन्हें निजी तौर पर बल्कि, समुदाय, दोस्तों, परिवार और सहयोगियों को भी अपूरणीय नुकसान और जबरदस्त परेशानी हुई है.
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उन्होंने कहा कि मेरे मामले में आरोपी पेशे से पत्रकार है. उनके आरोपों से मेरे सामाजिक प्रतिष्ठा को भारी धक्का लगा है. आरोपी ने उनके खिलाफ अखबारों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, ट्विटर, सोशल मीडिया में उनके खिलाफ लिखा, जिससे उन्हें भारी धक्का लगा हुआ है.
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इस महिला पत्रकार ने इस तरह के आरोप लगाकर ट्वीट कर आर्टिकल पब्लिश करवा कर उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुचाया है. ये आरोप झूठे मानहानि करने वाले और बदनीयती से लगाये गए हैं. महिला पत्रकार ने इस तरह के आरोप केवल इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया में सेरक्युलेट किए गए हैं. अकबर ने यह भी याचिका में कहा है कि ये सब एजेंडा से प्रेरित है.
VIDEO : एमजे अकबर ने यौन शोषण के आरोपों पर दी सफाई
MJ Akbar files defamation case against Priya Ramani
— ANI Digital (@ani_digital) October 15, 2018
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दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि उन पर लगाए गए आरोपों से न केवल उनकी बदनामी हुई है, बल्कि सालों की कड़ी मेहनत के बाद स्थापित सामाजिक और राजनीतिक प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंची है. इनसे न केवल उन्हें निजी तौर पर बल्कि, समुदाय, दोस्तों, परिवार और सहयोगियों को भी अपूरणीय नुकसान और जबरदस्त परेशानी हुई है.
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उन्होंने कहा कि मेरे मामले में आरोपी पेशे से पत्रकार है. उनके आरोपों से मेरे सामाजिक प्रतिष्ठा को भारी धक्का लगा है. आरोपी ने उनके खिलाफ अखबारों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, ट्विटर, सोशल मीडिया में उनके खिलाफ लिखा, जिससे उन्हें भारी धक्का लगा हुआ है.
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इस महिला पत्रकार ने इस तरह के आरोप लगाकर ट्वीट कर आर्टिकल पब्लिश करवा कर उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुचाया है. ये आरोप झूठे मानहानि करने वाले और बदनीयती से लगाये गए हैं. महिला पत्रकार ने इस तरह के आरोप केवल इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया में सेरक्युलेट किए गए हैं. अकबर ने यह भी याचिका में कहा है कि ये सब एजेंडा से प्रेरित है.
VIDEO : एमजे अकबर ने यौन शोषण के आरोपों पर दी सफाई
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