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एमजे अकबर ने पाकिस्तान को उसके 'जन्म' से 'मौत' तक सब सुना डाला

बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद पर भारत के रुख को दुनिया के सामने रखने के लिए शनिवार शाम लंदन पहुंचा, जिसमें  डी पुरंदेश्वरी, प्रियंका चतुर्वेदी, गुलाम अली खटाना, अमर सिंह, समिक भट्टाचार्य, एम थंबीदुरई और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री एमजे अकबर तथा राजदूत पंकज सरन शामिल हैं। ये नेता सामुदायिक समूहों, थिंक टैंक, सांसदों और प्रवासी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. 

एमजे अकबर ने पाकिस्तान को उसके 'जन्म' से 'मौत' तक सब सुना डाला
पाकिस्‍तान का जन्‍म ही हिंसा से हुआ... एमजे अकबर ने यूके में पाक को सुनाई खरी-खरी
नई दिल्‍ली:

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत लगातार पाकिस्‍तान को अंतरराष्‍ट्रीय मंचों पर बेनकाब कर रहा है. पाकिस्‍तान की करतूतों को पूरी दुनिया के सामने रख रहा है. सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद पर भारत के रुख को दुनिया के सामने रखने के लिए लंदन पहुंचा है. जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने पाकिस्‍तान को खरी-खरी सुनाई. बताया कि कैसे पाकिस्‍तान का जन्‍म हुआ था. एमजे अकबर ने पाकिस्तान को उसके 'जन्म' से 'मौत' तक सब सुना डाला.    

पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने कहा, "पाकिस्तान का इतिहास उठा कर देख लीजिए, इसका जन्म हिंसा में हुआ था. अन्‍य देशों की तरह यह किसी लोकप्रिय आंदोलन के ज़रिए पैदा नहीं हुआ था. यह 1946 के कलकत्ता हत्याकांड के बाद पैदा हुआ था और 1971 में महान ढाका हत्याकांड के बाद इसकी मृत्यु हो गई. पाकिस्‍तान अपनी मृत्यु के बावजूद, अपनी प्रतिबद्धता और अपनी नीति या हिंसा से पीछे नहीं हटा है, क्योंकि शासक वर्ग और उसके एलीट क्‍लास के लिए यह जेनेटिक हो गया है."

क्‍या है 'द ग्रेट कलकत्ता किलिंग्स'

साल 1946 में हुा कलकत्ता हत्याकांड, जिसे आमतौर पर "द ग्रेट कलकत्ता किलिंग्स" या "अगस्त क्रांति" कहा जाता है. भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण और हिंसक घटना थी. यह घटना कलकत्ता (अब कोलकाता) में अगस्त 1946 में हुई थी, जिसके कारण बड़े स्‍तर पर सांप्रदायिक दंगे हुए थे.  इसके परिणामस्वरूप भारत और पाकिस्तान के बीच की सीमा रेखा का निर्धारण हुआ था. इस दौरान लगभग 5000 हजार लोगों के मारे जाने की खबरें सामने आई थीं.

बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद पर भारत के रुख को दुनिया के सामने रखने के लिए शनिवार शाम लंदन पहुंचा, जिसमें  डी पुरंदेश्वरी, प्रियंका चतुर्वेदी, गुलाम अली खटाना, अमर सिंह, समिक भट्टाचार्य, एम थंबीदुरई और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री एमजे अकबर तथा राजदूत पंकज सरन शामिल हैं। ये नेता सामुदायिक समूहों, थिंक टैंक, सांसदों और प्रवासी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. 

ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में सांसदों का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार शाम लंदन पहुंचा और उच्चायुक्त विक्रम दुरईस्वामी ने उनकी अगवानी की.' उच्चायोग ने कहा कि ब्रिटेन की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान प्रतिनिधिमंडल ‘हाउस ऑफ कॉमन्स' के अध्यक्ष लिंडसे होयले, हिंद-प्रशांत के लिए ब्रिटेन के विदेश कार्यालय मंत्री कैथरीन वेस्ट, सांसदों, थिंक टैंक और भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों से बातचीत करेगा. ब्रिटेन यात्रा के बाद ये प्रतिनिधिमंडल यूरोपीय संघ (ईयू) के नेताओं से मुलाकात करेगा और जर्मनी के लिए रवाना होगा.

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