तमिलनाडु में वायुसेना के हेलीकॉप्टर Mi-17V-5 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद सेना के कई पूर्व अधिकारियों ने NDTV को बताया कि यह हेलीकॉप्टर बेहद विश्वसनीय हैं और वायुसेना के वर्कहॉर्सेस हैं. दुर्घटना ने विशेषज्ञों को हैरान कर दिया है. उन्होंने कहा कि सुलूर से वेलिंगटन की उड़ान में कोई जटिलताएं नहीं थीं. गौरतलब है कि इस हेलीकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत भी सवार थे. इस दुर्घटना में 13 लोगों की मौत हो गई है. ऐसा माना जाता है कि हेलीकॉप्टर के चालक दल और यात्रियों सहित 14 लोग सवार थे. भारतीय वायुसेना ने इस क्रैश की जांच के निर्देश दे दिए हैं.
Mi-17V-5 रूस निर्मित Mi-17 ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर का नवीनतम ट्विन-इंजन संस्करण है और इसे नियमित रूप से हाई एल्टीट्यूड ऑपरेशंस के लिए उपयोग किया जाता है. किसी भी स्थलाकृति और मौसम में उपयोग किए जा सकने वाले सबसे उन्नत सैन्य परिवहनों में से एक, यह भारतीय रक्षा बलों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सबसे शक्तिशाली हेलीकॉप्टर में से एक है. भारत के पास इन हेलीकॉप्टरों का काफी बड़ा बेड़ा है, जिन्हें 2013 और 2018 के बीच खरीदा और शामिल किया गया था.
एनडीटीवी से बात करने वाले अधिकांश विशेषज्ञों ने इसे "बहुत विश्वसनीय, सुरक्षित, स्थिर और बड़े" हेलीकॉप्टर के रूप में वर्णित किया, जिसका उपयोग राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित वीआईपी को लाने ले जाने के लिए भी किया जाता है.
CDS जनरल बिपिन रावत का चॉपर तमिलनाडु में क्रैश, 5 की मौत
रूसी हथियार आपूर्तिकर्ता रोसोबोरोनेक्सपोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार हेलीकॉप्टर को कार्गो केबिन के अंदर या बाहरी स्लिंग पर कर्मियों, कार्गो और उपकरणों को ले जाने, एयर असॉल्ट फोर्सेस और सेबोटाज समूहों को छोड़ने, दुश्मन के जमीनी ठिकानों को नष्ट करने और जख्मी जवानों आदि को लेजाने के लिए डिजाइन किया गया है.
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