पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने आज कहा कि राज्य संकट में फंसे ऐसे किसी भी व्यक्ति को आश्रय देगा जो उनके दरवाजे पर दस्तक देगा. उनकी यह टिप्पणी बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच आई है, जिसमें करीब डेढ़ सौ लोगों की मौत हो चुकी है. ममता के बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उसने इसे ममता बनर्जी की चुनाव जीतने के लिए नापाक योजना बताया.
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए लागू कोटा सिस्टम के खिलाफ एक सप्ताह से उग्र प्रदर्शनों का दौर जारी है. प्रधानमंत्री शेख हसीना के कार्यकाल में बांग्लादेश में यह सबसे अधिक अशांति का दौर है.
ममता बनर्जी ने कहा कि हालांकि उनके पास बांग्लादेश के मामलों पर बोलने का अधिकार नहीं है और भारत का आधिकारिक रुख भी केंद्र सरकार तय करेगी, लेकिन वे उन लोगों की मदद करेंगी जो संकट में हैं और बंगाल से मदद मांगेंगे. उन्होंने संभावित मानवीय संकट पर अपने रुख के औचित्य को लेकर शरणार्थियों पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का हवाला दिया.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कोलकाता में 'शहीद दिवस' रैली में कहा, "मुझे बांग्लादेश के मामलों पर नहीं बोलना चाहिए क्योंकि वह एक अलग देश है. इस मुद्दे पर जो कुछ भी कहा जाना चाहिए वह केंद्र का विषय है. लेकिन मैं केवल इतना कह सकती हूं कि अगर असहाय लोग बंगाल के दरवाजे खटखटाते हैं, तो हम उन्हें आश्रय देंगे."
ममता बनर्जी ने कहा, "ऐसा इसलिए है क्योंकि अशांति वाले क्षेत्रों के आसपास के क्षेत्रों में शरणार्थियों को समायोजित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव है." उन्होंने असम के लोगों का उदाहरण देते हुए कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में बोडो संघर्ष के दौरान काफी समय तक उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार क्षेत्र में रहने की अनुमति दी गई थी.
ममता बनर्जी ने पड़ोसी देश में जारी हिंसा के शिकार लोगों के साथ अपनी एकजुटता भी व्यक्त की. उन्होंने कहा, "हमें खून बहता देखकर दुख हो रहा है और मेरी संवेदना उन छात्रों के साथ है जो मारे गए."
बांग्लादेश के मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता बंगाल
ममता बनर्जी की बांग्लादेश में संकट में फंसे लोगों को आश्रय देने की पेशकश के कुछ ही घंटे बाद केंद्र सरकार के सूत्रों ने कहा कि राज्य प्रशासन को इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है. सूत्रों ने कहा कि यह मामले केंद्र सरकार द्वारा देखे जाते हैं और टिप्पणियां 'पूरी तरह से अनुचित' हैं. सूत्र ने कहा, 'इस मुद्दे पर राज्य सरकार का कोई अधिकार नहीं है और इसलिए उनकी टिप्पणियां पूरी तरह से गलत हैं.'
बनर्जी ने अपने ‘एक्स' हैंडल पर कहा, ‘‘सैकड़ों छात्र और अन्य लोग हिंसाग्रस्त बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल/भारत लौट रहे हैं. मैंने अपने राज्य प्रशासन से वापस लौटने वालों को हरसंभव मदद और सहायता प्रदान करने को कहा है.''
Hundreds of students and others are returning to West Bengal/ India, from the trouble-torn Bangladesh.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) July 21, 2024
I have asked our State administration to render all help and assistance to the returnees.
For instance, around 300 students arrived at Hilli border today and most of them left…
उन्होंने कहा, ‘‘आज लगभग 300 छात्र हिली सीमा पर पहुंचे और उनमें से ज्यादातर सुरक्षित रूप से अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए; हालांकि इनमें से 35 को मदद की जरूरत थी और हमने उन्हें बुनियादी सुविधाएं और सहायता प्रदान की. हम एकजुट हैं.''
बीजेपी ने ममता पर साधा निशाना
ममता बनर्जी की हिंसा प्रभावित बांग्लादेश से आने वाले किसी भी व्यक्ति को शरण देने की पेशकश पर बीजेपी ने उनकी आलोचना की. बीजेपी ने इसे चुनाव जीतने के लिए पड़ोसी देश से झारखंड में अवैध प्रवासियों को बसाने की 'इंडिया' गठबंधन की 'नापाक योजना' बताया.
बीजेपी के पश्चिम बंगाल के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने दूसरे देश से आने वाले किसी भी व्यक्ति को आश्रय देने के बनर्जी के अधिकार पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि आव्रजन और नागरिकता विशेष रूप से केंद्र के अधिकार क्षेत्र में है. उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्यों के पास ऐसे मामलों में कोई अधिकार नहीं है.
ममता बनर्जी की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए अमित मालवीय ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'ममता बनर्जी को भारत में किसी का भी स्वागत करने का अधिकार किसने दिया? आव्रजन और नागरिकता विशेष रूप से केंद्र के अधिकार क्षेत्र में हैं. राज्यों का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है.'
Mamata Banerjee on
— Amit Malviya (@amitmalviya) July 21, 2024
Odd days - We will not allow Hindu refugees, who came to India to escape religious persecution, to apply for citizenship under CAA and get their legitimate rights. If they insist, we will ask illegal Rohingyas, who vote for the TMC, to burn trains, block roads… pic.twitter.com/cSMqrkCF4M
उन्होंने आरोप लगाया कि, 'यह बंगाल से झारखंड तक अवैध बांग्लादेशियों को बसाने के लिए इंडी गठबंधन की नापाक योजना का हिस्सा है, ताकि वे चुनाव जीत सकें.'
मालवीय ने कहा कि कभी वह (ममता बनर्जी) कहती हैं कि वे उन हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत नागरिकता के लिए आवेदन करने और उनके वैध अधिकार प्राप्त करने की अनुमति नहीं देंगी, जो धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए भारत आए थे. उन्होंने आरोप लगाया, 'अगर वे जोर देंगे तो वह तृणमूल कांग्रेस को वोट देने वाले अवैध रोहिंग्याओं से ट्रेनें जलाने, सड़कें जाम करने और लोगों की हत्या करने को कहेंगी.'
केंद्र से परामर्श किए बिना राय न दी जाए
बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार का मानना है कि देश की विदेश नीति से जुड़े ऐसे मामलों में कोई भी सार्वजनिक बयान देने से पहले केंद्र से परामर्श किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘यह सच है कि हम सभी बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंतित हैं, जिस पर नई दिल्ली करीबी नजर रखे हुए है. हमारी मुख्यमंत्री को देश की विदेश नीति से जुड़े मामलों पर केंद्र से परामर्श किए बिना अपनी राय नहीं देनी चाहिए.''
बांग्लादेश में कर्फ्यू लगा, सेना तैनात
पुलिस द्वारा हिंसक विरोध प्रदर्शनों को रोकने में असमर्थ होने और मौतों की तादाद बढ़ने के कारण बांग्लादेश सरकार ने शुक्रवार को पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया और सेना को तैनात कर दिया. बांग्लादेश के शहरों में सैनिक गश्त कर रहे हैं. देश भर में इंटरनेट बंद है जिससे बांग्लादेश का बाहरी दुनिया से सूचनाओं का आदान-प्रदान काफी सीमित हो गया है.
बांग्लादेश से लगभग 1,000 भारतीय छात्र विभिन्न लैंड ट्रांजिट पॉइंट या विमानों के माध्यम से भारत लौट आए हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि विदेश मंत्रालय बांग्लादेश में भारतीयों की सुरक्षा और उनका कल्याण सुनिश्चित करने पर पूरी तरह केंद्रित है.
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