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This Article is From Jan 31, 2019

मायावती की सरकार में हुआ था स्मारक घोटाला, अब ईडी ने की ताबड़तोड़ छापेमारी

बसपा की मायावती सरकार के दौरान हुए स्मारक निर्माण घोटाले(Memorial Scam) में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने आधा दर्जन स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई की है.

मायावती की सरकार में हुआ था स्मारक घोटाला, अब ईडी ने की ताबड़तोड़ छापेमारी
बसपा मुखिया मायावती की फाइल फोटो.
नई दिल्ली:

बसपा की मायावती सरकार के दौरान हुए स्मारक निर्माण घोटाले(Memorial Scam) में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने आधा दर्जन स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई की है. बसपा मुखिया मायावती 2007 में मुख्यमंत्री बनीं थीं. 2012 में सपा के सत्ता में आने तक उनकी सरकार ने पांच साल पूरे किए थे. बसपा सरकार में  लखनऊ और नोएडा में बहुत से स्मारकों का निर्माण किया गया था. बहुत से स्मारकों का रेनोवेशन भी करवाया गया था. 2013 में लोकायुक्त ने जांच करके एक रिपोर्ट दी थी. लोकायुक्त ने रिपोर्ट में कहा था कि 14 अरब से ज्यादा का घोटाला है. कमीशन और घूसखोरी में 14105063200 रुपये की रकम खर्च होने की बात सामने आई. ईडी इस केस में मनीलांड्रिंग के पहलओं की जांच कर रहा है. ईडी अफसर निर्माण से जुड़ी फर्मों और निर्माण निगम इंजीनियरों समेत कईयों के ठिकाने खंगाल रहे हैं.

वर्ष 2007 से लेकर 2012 के बीच लखनऊ और नोएडा में पार्क और स्मारकों का निर्माण लोक निर्माण विभाग, नोएडा प्राधिकरण और पीडब्ल्यूडी ने करवाया था.लोकायुक्त जांच में करीब 1,410 करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई थी. सूत्रों के मुताबिक स्मारकों में लगे गुलाबी पत्थरों की सप्लाई मीरजापुर से हुई थी, जबकि कागजों पर राजस्थान से दिखाई गई. इस मामले में विजिलेंस ने एक जनवरी वर्ष 2014 को गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी और 409 के तहत केस दर्ज किया गया था. इस घोटाले में नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा समेत 19  के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी.

स्मारक घोटाले में मायावती सरकार खा गई 1400 करोड़ रुपये : लोकायुक्त

लोकायुक्त ने इसमें तत्कालीन दो पूर्व मंत्री, दो विधायक, दो पूर्व विधायक, पांच माइनिंग अफसर, 62 इंजीनियर, 60 मार्बल सप्लायर, 73 अकाउंटेंट समेत 199 लोगों की भूमिका उजागर की.लोकायुक्त ने कहा था कि मायावती की सरकार में उस वक्त के मंत्री नसीमुद्दीन और बाबू कुशवाहा से 30-30 फीसदी और सीपी सिंह से 15 फीसदी धनराशि वसूली जाए. 

देखें वीडियो- स्मारक घोटाले में मायावती के करीबियों पर शिकंजा 

इस बीच 2014 में कैग ने भी यूपी को लेकर एक रिपोर्ट पेश की. इसमें चार हजार 555 करोड़ की लागत से बने स्मारकों में बड़े पैमाने पर घोटाला होने की बात कही. रिपोर्ट के मुताबिक पांच साल में लागत को 1000 फीसदी तक बढ़ाने का खेल हुआ. अंबेडकर स्मारक की लागत करीब 271 फीसदी, काशीराम 192 फीसदी, बुधविहार की लागत 469 फीसदी, कांशीराम के गार्डन की लागत 583 फीसदी, प्रेरणा स्थल की लागत 966 फीसदी बढ़ा दी गई. जिससे जो स्मारक 944 करोड़ में बनने थे, वो 4 हजार 558 करोड़ में बने. उधर हाल में खनन और स्मारक घोटाले में एजेंसियों की छापेमारी तेज होने पर सपा-बसपा का कहना है कि 2019 में गठबंधन से बीजेपी की केंद्र सरकार घबरा गई है.

वीडियो- स्मारक घोटाले में मायावती सरकार खा गई 1400 करोड़ रुपये : लोकायुक्त 

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