विज्ञापन

दिल्ली में जल्द होगी बीजेपी की ट्रिपल इंजन सरकार? समझें MCD चुनाव का गणित

दिल्ली नगर निगम में पार्षदों की कुल संख्या 250 है. इनके अलावा दिल्ली के सातों लोकसभा और तीनों राज्यसभा सांसद और 14 विधायक मेयर के लिए वोट डालते हैं. अभी की संख्या के हिसाब से बीजेपी के 120 पार्षद हैं. जबकि आम आदमी पार्टी के 124 पार्षद हैं.

दिल्ली में जल्द होगी बीजेपी की ट्रिपल इंजन सरकार? समझें MCD चुनाव का गणित
मेयर का पिछला चुनाव नवंबर 2024 में हुआ था .लेकिन कार्यकाल केवल पांच महीने का है.
नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद अब बीजेपी की नजरे दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव पर हैं. दिल्ली में जीत के बाद अब एमसीडी में भी बीजेपी का पलड़ा भारी होने की उम्मीद है. अप्रैल में दिल्ली नगर निगम के मेयर के चुनाव होनेवाले हैं. ऐसे में बीजेपी हर सूरत में ये चुनाव जीतना चाहती है. आइए समझते हैं, एमसीडी का गणित कि कैसे बहुमत न होने के बावजूद बीजेपी मेयर चुनाव जीत सकती है. 

Latest and Breaking News on NDTV

दिल्ली नगर निगम में पार्षदों की कुल संख्या 250 है. इनके अलावा दिल्ली के सातों लोकसभा और तीनों राज्यसभा सांसद और 14 विधायक मेयर के लिए वोट डालते हैं. अभी की संख्या के हिसाब से बीजेपी के 120 पार्षद हैं. जबकि आम आदमी पार्टी के 124 पार्षद हैं. हालांकि बीजेपी के आठ पार्षदों ने विधानसभा चुनाव लड़ा और वे सभी चुनाव जीत गए. ये हैं मुंडका से गजेंद्र दराल, शालीमार बाग से रेखा गुप्ता, वजीरपुर से पूनम शर्मा, नजफगढ़ से नीलम पहलवान, राजेंद्र नगर से उमंग बजाज, संगम विहार से चंदन चौधरी, विनोद नगर से रविंदर सिंह नेगी, ग्रेटर कैलाश से शिखा राय.  मनोनीत पार्षद राजकुमार भाटिया भी चुनाव जीत गए हैं. इनके अलावा पार्षद रहीं कमलजीत सहरावत सांसद का चुनाव जीत चुकी हैं.

आप और मनोनीत पार्षदों के रिक्त स्थानों को मिला दें, तो पार्षद की 12 सीटों पर उपचुनाव होने हैं और एक मनोनयन होना है जो उपराज्यपाल करेंगे.

तीन वोटों से जीता था आप ने चुनाव

मेयर का पिछला चुनाव नवंबर 2024 में हुआ था .लेकिन कार्यकाल केवल पांच महीने का है. तब आप के महेश खिंची बीजेपी के किशन लाल से केवल तीन वोटों से ही जीत पाए थे. खिंची को 133 और किशन लाल को 130 वोट मिले थे. जबकि दो वोट अवैध हो गए थे. कुल 263 वोट डाले गए थे. बीजेपी के पास तब 113 पार्षद थे. उसे एक विधायक और सात सांसदों का भी समर्थन था. यानी कुल संख्या 121 थी. उधर आप के कुल 141 वोटर थे, जिनमें 125 पार्षद, 13 विधायक और तीन राज्यसभा सांसद थे. जबकि कांग्रेस के पास आठ पार्षद थे. कांग्रेस के पार्षदों ने चुनाव का बहिष्कार किया था.

Latest and Breaking News on NDTV

लेकिन इस बार अब बीजेपी के 14 विधायक और सात लोकसभा सांसद भी वोट डालेंगे. ऐसे में बीजेपी अगर अप्रैल में अपना मेयर बना लें तो कोई हैरानी नहीं होगी.

हर साल अप्रैल में होता है चुनाव

एमसीडी में हर साल अप्रैल में महापौर के चुनाव की व्यवस्था है. नगर निगम परिषद का कार्यकाल पांच साल का होता है. इसमें विभिन्न वर्गों के पांच प्रतिनिधियों को एक-एक साल प्रतिनिधित्व का मौका दिया जाता है. पांच साल में से पहले साल महिला पार्षद के लिए महापौर पद आरक्षित होता है. दूसरा साल सामान्य वर्ग के लिए होता है. तीसरे साल मेयर पद अनुसूचित जाति के पार्षद के लिए आरक्षित होता है. चौथे और पांचवे साल में यह पद सामान्य वर्ग के लिए होता है. 

ये भी पढ़ें-राजधानी में डबल इंजन : क्या हैं वे 10 बातें जो नई सरकार में दिल्लीवालों को बदली हुई दिखाई देंगी, जानिए

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com