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This Article is From Apr 23, 2015

सलाखों के पीछे ही रहेगा मसर्रत, फिर लगा पब्लिक सेफ्टी एक्ट

सलाखों के पीछे ही रहेगा मसर्रत, फिर लगा पब्लिक सेफ्टी एक्ट
नई दिल्ली: अलगावादी नेता मसर्रत आलम पर जम्मू-कश्मीर सरकार ने पब्लिक सेफ्टी एक्ट एक बार फिर लगा दिया है। इसके लिए उसके ऊपर दर्ज़ हुई हाल की एफआईआर को आधार बनाया गया है। एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक मसर्रत को गुरुवार सुबह जम्मू की कोट बल्वल जेल में शिफ्ट कर दिया गया।

एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, 'पिछले डेढ़ महीने से उसकी हर हरकत पर हमारी नज़र थी। पहले तो वो चुप रहा, लेकिन अभी कुछ दिनों से उसने कई ज़िलों का दौरा किया और अपने लोगों को मोबलाइज करने की कोशिश कर रहा था।'

एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, 'बड़गाम में दर्ज़ हुई FIR और बाकि कुछ और मामलों को आधार बनाकर पूरे केस को राज्य सरकार को भेजा गया। राज्य सरकार ने भी मंजूरी दे दी, क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता तो आने वाले दिनों में मुसीबत खड़ी हो जाती।'

उनके मुताबिक मसर्रत का कद पिछले कुछ दिनों में काफी बढ़ गया था, आतंकियों के आका हाफिज सईद ने खुद उसका ज़िक्र किया। दरअसल श्रीनगर में रैली के दौरान नारेबाजी करते वक्त मसर्रत आलम ने मुंबई हमले के मास्टर माइंड आतंकी हाफिज सईद का पैगाम भी सुनाया। नारेबाजी के दौरान मसर्रत ने नारे लगवाए, 'हाफिज सईद का क्या पैगाम- कश्मीर बनेगा पाकिस्तान।'

बता दें कि मसर्रत को चार साल की कैद के बाद इस साल मार्च में रिहा किया गया था। उधर जम्मू-कश्मीर की पुलिस का कहना है कि रैली के दौरान पाकिस्तानी आतंकी जकीउर रहमान लखवी ने मसर्रत आलम से बात की और घाटी में आतंक फैलाने का निर्देश दिया। इस बीच, मसर्रत के पास 15 से 20 कॉल पाकिस्तान से आए। केंद्र सरकार पाकिस्तान से आए कॉल्स और यहां कॉल रिसीव करने वाले व्यक्ति के आवाज के सैंपल की जांच करा रही है।

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