Maratha Reservation: आरक्षण के लिए मराठा समुदाय की पात्रता तय करने के लिए महाराष्ट्र में बड़ा सर्वे शुरू हुआ है. इसके लिए एक ऐप तैयार किया गया है. सर्वे के लिए करीब डेढ़ लाख कर्मचारी लगाए गए हैं. सर्वेक्षण ऐसे समय में शुरू होने जा रहा है जब मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल मुंबई की ओर मार्च कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि मनोज जरांगे पाटिल के आंदोलन की वजह से सरकार को सर्वे की घोषणा करना पड़ी. आनेवाले चुनावों से पहले मराठा आरक्षण की जटिल राजनीति एक बार फिर महाराष्ट्र में हलचल बढ़ा रही है. सुप्रीम कोर्ट में अपने क्यूरेटिव पिटीशन के समर्थन में ठोस तर्क रखने के लिए राज्य सरकार विशाल सर्वेक्षण शुरू करवा चुकी है.
31 जनवरी तक चलेगा ये सर्वेक्षण
मराठा आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय में महाराष्ट्र सरकार की उपचारात्मक याचिका के समर्थन में राज्यभर में मंगलवार को सवा लाख से अधिक गणनाकारों एवं अधिकारियों की मदद से अनिवार्य सर्वेक्षण शुरू होगा. राज्य के राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने सोमवार को कहा कि गणनाकारों को इस प्रक्रिया को त्रुटिहीन रखने का निर्देश दिया गया है और यह प्रक्रिया 31 जनवरी तक चलेगी.
इसे भी पढ़ें- "इस आधार पर मराठा कोटा प्रदान करेंगे": महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘अधीक्षकों और अधिकारियों समेत सवा लाख से अधिक गणनाकारों को यह कार्य करने के लिए नियुक्त किया गया है. उनका प्रशिक्षण पूरा हो गया है. राज्य के सभी 36 जिलों, 27 नगर निगमों और सात छावनी बोर्ड में सर्वेक्षण मंगलवार को शुरू होगा जो 31 जनवरी तक चलेगा.''
पाटिल ने कहा, ‘‘राजस्व विभाग महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के लिए यह काम कर रहा है. डाटा प्रविष्टि डिजिटल स्वरूप में होगी जिससे निगरानी अधिकारी समय से उस पर नवीनतम जानकारी रख पायेंगे. रिकॉर्ड सीधे आयोग में पंजीकृत किये जाएंगे.''
इसे भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार की क्यूरेटिव याचिका पर विचार टला
मंत्री के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा सेवानिवृत न्यायाधीश संदीप शिंदे के नेतृत्व में नियुक्त की गयी समिति ने 28 अक्टूबर से 17 जनवरी तक राज्य में ओबीसी के 57 लाख रिकार्ड हासिल किये जिनमें से डेढ़ लाख लोगों ने कुनबी जाति प्रमाणपत्र भी हासिल किये हैं.
बीजेपी नेता नेहल शाह ने एनडीटीवी को बताया कि “हाउसिंग सोसायटीज़ में थोड़ी हिचक रहती है इसलिए मैं ख़ुद टीम के साथ जा रही हूं ताकि उनको इनपर भरोसा हो.” उन्होंने कहा- 36 जिलों, 27 नगर निगमों और सात छावनी बोर्डों में ये सर्वे 31 जनवरी तक ख़त्म करना है. टारगेट चुनौती भरा है इसलिए सरकार ने जनता से सहयोग की अपील की है. उन्होंने कहा-
मराठा, जो राज्य की आबादी का लगभग 33% हिस्सा हैं, शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं. उनके लिए ये सर्वे अहम है.
इसे भी पढ़ें- छगन भुजबल ने जरांगे पर धमकी देने का आरोप लगाया
महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन कानून व्यवस्था के लिए परेशानी खड़ी करता रहा है. कई मंत्रियों के घरों, वाहनों पर हमले हो चुके हैं. कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष देशभर में जाति जनगणना की मांग कर रहा है. सरकार के लिए, राजनीतिक रूप से जटिल स्थिति बन गई है. किसी भी समूह का विरोध करना सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए दिक़्क़त भरा होगा क्योंकि जिन ओबीसी समूह को महाराष्ट्र में आरक्षण मिला हुआ है, उसने पहले ही साफ कर दिया है कि वे अपना कोटा घटना बर्दाश्त नहीं करेंगे.
भाषा इनपुट के साथ
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं