महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल ने रविवार को मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पर खुली धमकी देने का आरोप लगाया. भुजबल ने ठाणे जिले के भिवंडी में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार जरांगे के दबाव में आ रही है, जिससे वह और अधिक आक्रामक हो रहे हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि जरांगे उन्हें धमकियां दे रहे हैं और उन्होंने अपने दावे को रेखांकित करने के लिए अखबारों की कतरनें दिखाईं. उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि जब मैं इस मुद्दे पर बोलता हूं, तो मुझे धैर्य रखने के लिए कहा जाता है.'' भुजबल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार गुट के नेता हैं. अजित पवार खेमा दो जुलाई को एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गया था.
भुजबल ने रैली में मौजूद लोगों से कहा कि उन्हें उन लोगों को करारा जवाब देना चाहिए जिन्होंने ओबीसी का विरोध किया है.
जरांगे ने कहा है कि मराठों को कुनबी के रूप में मान्यता देकर नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण दिया जाना चाहिए, जो राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग का हिस्सा है.
भुजबल जैसे नेताओं के नेतृत्व में हालांकि ओबीसी समूहों ने इस कदम का विरोध किया है और कहा है कि ओबीसी के लाभों को प्रभावित किए बिना मराठों को आरक्षण दिया जाना चाहिए.
जरांगे ने मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार को 24 दिसंबर की समय सीमा दी है.
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