पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को यहां वित्तीय समावेशन पर जी20 की बैठक में कहा कि उनकी सरकार राज्य में जो विकास करती है, उसे वह मानवीय रूप देने का प्रयास करती है. वित्तीय समावेशन पर हो रही तीन दिवसीय इस बैठक में जी20 के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए बनर्जी ने यह भी कहा कि महिला सशक्तीकरण सहित सरकार के कल्याण कार्यक्रम इस तरह तैयार किए गए हैं कि समाज के निर्धनतम लोगों के डिजिटल एवं वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिले.
उन्होंने कहा, ‘‘हम विकास को मानवीय रूप देने में भरोसा करते हैं.'' बनर्जी ने कहा कि उनके सत्ता संभालने के बाद से उनके विकास कार्यक्रमों ने पश्चिम बंगाल के जीडीपी को चार गुना बढ़ाने में मदद की है. तीसरे कार्यकाल जीतकर सत्तासीन हुईं बनर्जी ने कहा कि कोविड महामारी की वजह से मची आर्थिक उथलपुथल के बावजूद राज्य सरकार 1.2 करोड़ रोजगार सृजित करने में कामयाब रही और इनमें से ज्यादातर रोजगार एमएसएमई (लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम) क्षेत्र में हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘हम रोजगार सृजन करने तथा जीडीपी को चार गुना बढ़ाने में इसलिए कामयाब हुए क्योंकि हमने महिलाओं, छोटे उद्योगों, किसानों और युवाओं को सशक्त बनाया. हम भूख के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं और हमने गरीबों को मुफ्त अनाज दिया.''
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने डिजिटल अंतरण के माध्यम से महिलाओं और कमजोर वर्गों के लोगों का वित्तीय समावेशन सुनिश्चित किया है. उन्होंने कहा, ‘‘महिला सशक्तीकरण के लिए हम उन्हें डिजिटल अंतरण के माध्यम से धन देते हैं. इस कार्यक्रम पर करीब 1.5 अरब डॉलर खर्च किए गए.'' उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में स्वयं-सहायता समूह बनाए गए जिनसे 1.2 करोड़ महिलाएं संबद्ध हैं.
जी-20 की पहली ‘‘ग्लोबल पार्टनरशिप फॉर फाइनेन्शियल इन्क्लूज़न'' बैठक में ममता ने कहा ‘‘हमने ‘सरकार आपके द्वार' (दुआरे सरकार) कार्यक्रम की शुरुआत यह सुनिश्चित करने के लिए की कि लोगों को हमारी विकास संबंधी पहलों का लाभ मिले. इस कार्यक्रम ने राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल किया.''
उन्होंने कहा कि राज्य में धर्म, जाति या भाषाओं की विविधता के बावजूद लोग एकजुट हैं. हमारे यहां विभिन्न धर्मों, जातियों, नस्लों के लोग हैं लेकिन हम एकजुट हैं.''
बैठक के पहले दिन आधुनिक वित्तीय समावेशन के लिए डिजिटल नवाचार पर एक प्रदर्शनी और वित्तीय समावेशन एवं उत्पादकता लाभ में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना की भूमिका पर सत्र शामिल हैं. तीन दिवसीय इस आयोजन में 12 अंतरराष्ट्रीय वक्ता हिस्सा लेंगे जिनमें विश्व बैंक, सिंगापुर, फ्रांस और एस्टोनिया के वित्त मामलों के अधिकारी शामिल हैं.
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सौरभ गर्ग और राष्ट्रीय भारतीय भुगतान निगम के प्रबंधन निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिलीप आसबे उन लोगों में शामिल हैं जो सत्र को संबोधित करेंगे.
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