पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी राज्य में अकेले ही चुनाव लड़ेगी. ममता ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस के साथ उनकी पार्टी का कोई संबंध नहीं है. ममता बनर्जी ने बुधवार को ऐलान किया कि तृणमूल कांग्रेस बंगाल की 42 लोकसभा सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. चुनाव के रिजल्ट आने के बाद ही कांग्रेस के साथ गठबंधन पर विचार करेगी. बता दें कि दोनों ही दल इंडिया गठबंधन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. पिछले काफी दिनों से बंगाल में टीएमसी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर खींचतान चल रही थी. दोनों दलों के गठबंधन को लेकर राज्य कांग्रेस के नेताओं की भी आमराय नहीं थी. अब ममता ने कह दिया है कि कांग्रेस के साथ कोई संबंध नहीं है.
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बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, "मेरा कांग्रेस के साथ कोई संबंध नहीं है... हम अकेले लड़ेंगे, चुनाव के बाद सीट-बंटवारे समझौते के बारे में अखिल भारतीय स्तर पर फैसला करेंगे." ममता बनर्जी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और उनकी 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' पर भी निशाना साधा. ममता ने कहा, 'वे मेरे राज्य में आ रहे हैं... उनमें मुझे सूचित करने का शिष्टाचार नहीं था..."
West Bengal CM Mamata Banerjee says "I had no discussions with the Congress party. I have always said that in Bengal, we will fight alone. I am not concerned about what will be done in the country but we are a secular party and in Bengal, we will alone defeat BJP. I am a part of… pic.twitter.com/VK2HH3arJI
— ANI (@ANI) January 24, 2024
ममता बनर्जी पर अमित मालवीय का तंज
ममता के इस फैसले के बाद बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने उन पर तंज कसा है. अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा," ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने चाहती हैं, इसीलिए उन्होंने कांग्रेस के साथ गठबंधन न करने का फैसला लिया है. ममता बनर्जी के मन में कहीं न कहीं विपक्षी गठबंधन का चेहरा बनने की चाहत तो थी लेकिन किसी ने भी उनके नाम का प्रस्ताव नहीं रखा. बार-बार उनका दिल्ली जाना भी काम नहीं आया. बंगाल चुनाव के बाद राज्य में हुई हिंसा के खून को ममता बनर्जी छिपा नहीं सकीं और खुद को तुष्टिकरण की राजनीति से बाहर नहीं बता सकीं.शर्मिंदा ममता ने अपना चेहरा बचाने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम इंडिया गठबंधन के चेहरे के रूप में आगे कर खुद को इस प्रक्रिया से अलग कर लिया.ममता को एहसास हुआ कि उनकी घबराहट के बावजूद, विपक्षी खेमे में उनके पास खुछ भी नहीं था और वह लंबे समय से बाहर निकलने के लिए जमीन तैयार कर रही थीं."
Mamata Banerjee's decision to fight alone in West Bengal is a sign of desperation. Unable to hold her political ground, she wants to fight all seats, in the hope that she can still be relevant, after the polls.
— Amit Malviya (@amitmalviya) January 24, 2024
Much against her desire, to emerge as the face of the Opposition…
कांग्रेस ने मांगी 10-12 सीटें, ममता का इनकार
मंगलवार को ममता बनर्जी ने बंगाल में कांग्रेस की 10-12 लोकसभा सीटों की 'अनुचित' मांग की आलोचना की. उन्होंने राज्य में कांग्रेस के ख़राब रिकॉर्ड की ओर इशारा करते हुए दो प्रस्ताव दिए थे. कांग्रेस ने 2014 में चार सीटें जीतीं और 2019 में केवल दो सीटें जीतीं. नाम न छापने की शर्त पर एक सीनियर तृणमूल नेता ने न्यूजड एजेंसी पीटीआई से इसकी पुष्टि करते हुए कहा, "ममता बनर्जी ने कहा कि हमें कांग्रेस के साथ सीट-बंटवारे के बारे में सोचने की ज़रूरत नहीं है... उन्होंने कहा कि उन्होंने दो सीटों की पेशकश की थी लेकिन उन्होंने 10-12'' की मांग कर रहे थे."
अधीर रंजन के गृहक्षेत्र पर ममता की नजर
ममता बनर्जी ने बीरभूम और मुर्शिदाबाद जिले में पार्टी नेताओं को निर्देश दिया है कि वे अपने दम पर लोकसभा चुनाव की योजना बनाना शुरू कर दें. दरअसल ये क्षेत्र कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी का गृह निर्वाचन क्षेत्र है, इसीलिए यह काफी अहम है. अधीर रंजन कांग्रेस और टीएमसी गठबंधन के सख्त खिलाफ हैं.
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