मल्लिकार्जुन खरगे ने आज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) मुख्यालय में एक समारोह के दौरान अपना कार्यभार संभाल लिया है. वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे को समारोह के दौरान चुनाव प्रमाण पत्र सौंपा गया. जिसके बाद औपचारिक रूप से वह कांग्रेस अध्यक्ष बन गए हैं. ये पद संभालते हुए खरगे ने कहा कि उदयपुर संकल्प पत्र के तहत पार्टी के 50 फीसदी पद 50 साल से कम उम्र के लोगों को सौंपने के प्रस्ताव पर अमल किया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस झूठ और नफरत के चक्र को तोड़ेगी, उन लोगों से साथ आने की अपील करता हूं जो पार्टी से नहीं जुड़े हैं लेकिन लोकतंत्र को बचाना चाहते हैं. खरगे ने कहा, मुझे मालूम है कि यह एक मुश्किल समय है, कांग्रेस द्वारा स्थापित लोकतंत्र को बदलने के प्रयास किए जा रहे हैं. साथ ही मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘भारत जोड़ो यात्रा' शुरू करने के लिए राहुल गांधी की तारीफ की और कहा, यह यात्रा देश में नयी ऊर्जा का संचार कर रही है.
137 साल पुरानी पार्टी का नेतृत्व करने वाले खरगे पिछले 24 साल में पहले गैर-गांधी अध्यक्ष हैं. लंबे समय तक सोनिया गांधी प्रमुख रहीं हैं. 80 वर्षीय खरगे ने पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में अपने 66 वर्षीय प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर को 84 प्रतिशत से अधिक मतों से हराया था. खरगे को 9,385 में से 7,897 प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि वोट मिले, जबकि थरूर को 1072 वोट मिले.
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आगे बहुत मुश्किल है डगर-
हिमाचल और गुजरात चुनाव
अगले महीने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव है, अपने पेंडुलम पैटर्न (pendulum pattern) के साथ कांग्रेस पांच साल के भाजपा शासन के बाद सत्ता में वापस आने के लिए पूरा जोर लगा रही है. पहाड़ी राज्य में 12 नवंबर को मतदान होने हैं, ऐसे में अध्यक्ष बनते ही मल्लिकार्जुन खरगे के सामने इस चुनाव में विजय होना बड़ी चुनौती है.
दूसरी तरफ गुजरात में भी विधानसभा चुनाव हैं. पीएम नरेंद्र मोदी का ये गृह राज्य, जहां कांग्रेस के चुनावी अभियान में तेजी नहीं देखी जा रही है. यहां भाजपा के साथ-साथ आप का भी मुकाबला कांग्रेस को करना है. इन दोनों राज्यों के नतीजे दिसंबर में आएंगे.
अगले साल नौ विधानसभा में है चुनाव
अगले साल यानी 2023 में खरगे के सामने एक ओर बड़ी परीक्षा है. इस साल नौ विधानसभा चुनाव होंगे, जिनमें राजस्थान और छत्तीसगढ़ शामिल हैं, केवल दो राज्य जहां कांग्रेस के मुख्यमंत्री हैं. वर्ष 2023 में राहुल गांधी की पांच महीने की 'भारत जोड़ो यात्रा', कन्याकुमारी-से-कश्मीर में पूरी होगी. कांग्रेस को उम्मीद है कि 'भारत जोड़ो यात्रा' से वह 2024 के आम चुनावों में भाजपा को जीत से रोक सकेगी.
खरगे राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे, जिस पद से उन्होंने कांग्रेस में शीर्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल करने के तुरंत बाद इस्तीफा दे दिया था. वह उससे पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता थे. वह लगभग एक दशक तक केंद्रीय मंत्री रहे हैं.
हालांकि खरगे कर्नाटक में नौ बार विधायक रहे हैं, लेकिन वे राज्य के मुख्यमंत्री नहीं बन सके. वह एक विनम्र दलित परिवार से ताल्लुक रखते हैं और जमीनी स्तर से पार्टी में शीर्ष स्थान पर पहुंचे हैं.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं