साल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले (Malegaon Blast Case) में आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित (Lt. Col Prasad Purohit) को कथित रूप से गोला-बारूद बेचने वाले एक लाइसेंसी हथियार डीलर ने बुधवार को महाराष्ट्र एटीएस (ATS) को दिए अपने बयान के कुछ पहलुओं पर अभियोजन का समर्थन करने से इनकार कर दिया. वह अदालत में पुरोहित को पहचानने में भी नाकाम रहा.इससे पहले, 20 गवाह मुकदमे के दौरान मुकर गए थे, जिसमें भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर मुख्य आरोपी हैं.
नए गवाह ने एटीएस को दिए अपने बयान में कहा था कि पुरोहित 2006 में गोला-बारूद खरीदने के लिए उसकी हथियार की दुकान पर पहुंचे थे. गवाह ने कथित तौर पर एटीएस को बताया था कि पुरोहित एक लाइसेंसी हथियार लिए हुए थे. उसने कहा था कि उसने एक बार पुरोहित को गोला-बारूद बेचा था. अभियोजन पक्ष के एक वकील ने कहा कि हालांकि बुधवार को विशेष राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अदालत के समक्ष अपने बयान के दौरान गवाह ने एटीएस को दिए अपने बयान के कुछ हिस्सों की पुष्टि नहीं की. गवाह अदालत में पुरोहित और उसे दिखाया गया हथियार भी पहचानने में विफल रहा.
गवाह ने दावा किया कि उसे डर था कि अगर उसने एटीएस के बताए अनुसार बयान नहीं दिया तो वह मुश्किल में पड़ जाएगा. उत्तरी महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितंबर, 2008 को एक मस्जिद के पास हुए विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे.
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