- दिल्ली के लाल किले के करीब एक कार में हुआ धमाका, कई लोगों की मौत
- दिल्ली पुलिस और कार का रजिस्ट्रेशन नंबर पता लगाने की कोशिश कर रही है
- घटना के बाद दिल्ली पुलिस, एनआईआई और एनएसजी की टीम वहां मौजूद है
राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास हुए ताज़ा बम धमाके ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक लाल किले के पास हुआ धमाका कोई सामान्य विस्फोट नहीं, बल्कि एक बड़ा बम ब्लास्ट था. शुरुआती जांच में यह एक बड़ी आतंकी साजिश की तरफ इशारा करता दिख रहा है. आपको बताते चलें कि यह पहली बार नहीं है जब राष्ट्रीय राजधानी में इतना तेज धमाका हुआ है. भीड़भाड़ वाले बाजारों से लेकर अदालतों तक, कई जगहों पर बम धमाकों ने शहर को दहला दिया. इन हमलों ने न सिर्फ निर्दोष जिंदगियों को छीन लिया बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े किए. आइए जानते हैं कब-कब बम धमाकों से कांपी दिल्ली...
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सबसे पहले बात आज के बम धमाके की
दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार शाम जोरदार ब्लास्ट हुआ. बताया जा रहा है एक कार में हुआ यह धमाका इतना जबरदस्त था कि पास खड़ी दूसरी कार के परखच्चे उड़ गए. इस ब्लास्ट में कुछ लोग घायल भी बताए जा रहे हैं जबकि 13 लोगों की मौत हुई है. हमले की जांच के लिए स्पेशल सेल की एक टीम ब्लास्ट वाली जगह पर भी पहुंच चुकी है. यह इलाका जहां ब्लास्ट हुआ है, वह चांदनी चौक से कुछ ही दूर है और ब्लास्ट के समय वहां पर काफी भीड़ थी.
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25 मई 2011, दिल्ली हाई कोर्ट के बाहर ब्लास्ट:
दिल्ली हाई कोर्ट के बाहर कार पार्किंग में विस्फोट हुआ. यह धमाका हल्का ही था. गनीमत यह रही कि इस ब्लास्ट में कोई हताहत नहीं हुआ.
19 सितंबर 2010, जामा मस्जिद के पास हमला:
कॉमनवेल्थ गेम्स से कुछ दिन पहले जामा मस्जिद के पास विदेशी पर्यटकों पर फायरिंग हुई और वहां खड़ी एक कार में धमाका हुआ. इस घटना से राजधानी में सुरक्षा को लेकर भारी चिंता बढ़ गई.
27 सितंबर 2008, महरौली फूल बाजार धमाका:
दिल्ली में कुतुब मीनार के पास महरौली इलाके में बम धमाका हुआ था. इस धमाके में 3 लोगों की मौत हुई जबकि 21 घायल हुए थे.
13 सितंबर 2008, दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट:
साल 2008 में दिल्ली के कई इलाकों में एक के बाद एक बम धमाके हुए. दिल्ली के दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस, करोल बाग के गफ्फार मार्केट और ग्रेटर कैलाश पार्ट-1 के एम-ब्लॉक मार्केट में 45 मिनट के भीतर पांच सिलसिलेवार धमाके हुए थे. इस बम ब्लास्ट में करीब 25 लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए.
14 अप्रैल 2006, जामा मस्जिद ब्लास्ट:
पुरानी दिल्ली की जामा मस्जिद के प्रांगण में दो धमाके हुए थे जिनमें 14 लोग घायल हुए.
29 अक्टूबर 2005, दीवाली से पहले तीन धमाके:
साल 2005 में दिवाली से ठीक पहले सरोजिनी नगर, पहाड़गंज और गोविंदपुरी में बस के अंदर हुए तीन धमाकों से दिल्ली दहल उठी थी. इस ब्लास्ट में 59 लोगों की मौत हुई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए. इनमें कुछ विदेशी नागरिक भी शामिल थे.
22 मई 2005, सिनेमा हॉल ब्लास्ट:
दिल्ली के दो सिनेमा हॉल में हुए सिलसिलेवार धमाकों में 1 व्यक्ति की जान गई जबकि 60 लोग घायल हुए.
18 जून 2000, लाल किले के पास धमाका:
साल 2000 में लाल किला के पास दो धमाके हुए. इस बम ब्लास्ट में 8 साल की बच्ची समेत दो लोगों की मौत हुई और करीब दर्जनभर लोग घायल हुए थे.
26 जुलाई 1998, ISBT बम ब्लास्ट:
कश्मीरी गेट आईएसबीटी पर खड़ी एक बस में जोरदार विस्फोट हुआ. दो लोगों की मौत और तीन घायल हुए.
30 दिसंबर 1997, पंजाबी बाग बस ब्लास्ट:
दिल्ली में पंजाबी बाग के पास बस में हुए धमाके में 4 यात्रियों की मौत और करीब 30 घायल हुए.
30 नवंबर 1997, लाल किला के पास डबल ब्लास्ट:
लाल किला क्षेत्र में हुए दोहरे धमाके में 3 लोगों की मौत हुई और 70 घायल हुए.
26 अक्टूबर 1997, करोल बाग डबल ब्लास्ट:
करोल बाग मार्केट में दोहरे बम धमाके हुए. 1 व्यक्ति की मौत और 34 घायल हुए.
18 अक्टूबर 1997, रानी बाग मार्केट में धमाका:
रानी बाग मार्केट में दो धमाकों में 1 की मौत और 23 लोग घायल हुए.
10 अक्टूबर 1997, कैंप क्षेत्रों में ब्लास्ट:
शांतिवन, कौड़िया पुल और किंग्सवे कैंप क्षेत्रों में तीन धमाके हुए. एक व्यक्ति की मौत और 16 घायल हुए.
1 अक्टूबर 1997, सदर बाजार बम ब्लास्ट:
सदर बाजार इलाके में शोभायात्रा के पास दो धमाके हुए. 30 लोग घायल हुए.
9 जनवरी 1997, ITO के सामने बम ब्लास्ट:
दिल्ली पुलिस मुख्यालय (ITO) के सामने हुए धमाके में 50 लोग घायल हुए.
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