Maharashtra-Karnataka Dispute: कन्नड़ संगठन के सदस्यों ने बेलगावी में जलाया टायर, छात्रों से की मारपीट

भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के बाद सीमा विवाद 1960 के दशक से चल रहा है. महाराष्ट्र तत्कालीन ‘बॉम्बे प्रेसीडेंसी’ का हिस्सा रहे बेलगावी पर दावा करता है, क्योंकि यहां मराठी भाषा बोलने वालों की अच्छी खासी आबादी है. महाराष्ट्र ने 80 मराठी भाषी गांवों पर भी दावा किया है, जो वर्तमान में कर्नाटक का हिस्सा हैं.

Maharashtra-Karnataka Dispute: कन्नड़ संगठन के सदस्यों ने बेलगावी में जलाया टायर, छात्रों से की मारपीट

कन्नड़ संगठन का आरोप है कि महाराष्ट्र एकीकरण समिति बेलगावी में माहौल खराब कर रही है.

बेंगलुरु:

कर्नाटक और महाराष्ट्र में सालों से सीमा विवाद (Maharashtra-Karnataka Border Dispute)चला आ रहा है. मामला सुप्रीम कोर्ट में है. इस बीच कर्नाटक के बेलगावी में कन्नड़ संगठन के सदस्यों ने जमकर बवाल मचाया. कन्नड़ संगठन के सदस्यों ने महाराष्ट्र समर्थक छात्रों के साथ मारपीट की और विरोध में गाड़ी के टायर जला दिए. पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ.

कन्नड़ा संगठन का आरोप है कि हाल ही में एक प्रतिष्ठित कॉलेज के वार्षिक कार्यक्रम में जब एक छात्र ने कर्नाटक का झंडा लहराया, तो महाराष्ट्र समर्थक छात्रों ने उसके साथ मारपीट की. उनका आरोप है कि महाराष्ट्र एकीकरण समिति बेलगावी में माहौल खराब कर रही है. घटना का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें कर्नाटक का झंडा लिए एक छात्र की कुछ युवक पिटाई करते दिख रहे हैं. हालांकि, इस मारपीट को लेकर अब तक पुलिस का बयान सामने नहीं आया है. 

आगामी तीन दिसंबर को महाराष्ट्र सरकार के मंत्री चंद्रकांत पाटिल और शंभूराज देसाई बेलगावी का दौरा कर सकते हैं. जानकारी है कि वे यहां महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) (महाराष्ट्र समर्थक संगठन) के पदाधिकारियों से मिलने के लिए आ रहे हैं. उनके दौरे के दौरान किसी भी तरह की कोई अप्रत्याशित घटना ना हो इसके लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं.

एडीजीपी (कानून और व्यवस्था) आलोक कुमार ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि हमने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए तैयारियां की हैं. साथ ही पिछले सप्ताह हुई घटनाएं दोबारा ना हों इसके लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं. पुलिस का यह कदम सीमा विवाद को लेकर दोनों तरफ की बसों और वाहनों को नुकसान पहुंचाने या काला करने जैसी कुछ घटनाओं के बाद आया है.

बता दें कि भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के बाद सीमा विवाद 1960 के दशक से चल रहा है. महाराष्ट्र तत्कालीन ‘बॉम्बे प्रेसीडेंसी' का हिस्सा रहे बेलगावी पर दावा करता है, क्योंकि यहां मराठी भाषा बोलने वालों की अच्छी खासी आबादी है. महाराष्ट्र ने 80 मराठी भाषी गांवों पर भी दावा किया है, जो वर्तमान में कर्नाटक का हिस्सा हैं.

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