महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो)
मुंबई:
महाराष्ट्र बीजेपी ने अंदरूनी उठापटक के बीच अपना एक दांव उलट दिया। पार्टी ने विधान परिषद चुनाव से अपने उम्मीदवार वापस लिए जिससे महाराष्ट्र विधान परिषद का चुनाव निर्विरोध हुआ। बीजेपी को इससे 5 सीटों पर कब्ज़ा करना आसान हुआ।
दस सीटों के लिए होने जा रहे महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में विधानसभा विधायक वोट करनेवाले थे। बीजेपी के पास मौजूदा वोट बैंक के अनुसार 5 सीटों पर उसकी जीत आसान थी। बावजूद इसके, पार्टी ने इस चुनाव में एनसीपी से हाल ही में पार्टी में आए मजदूर नेता प्रसाद लाड़ को मैदान में उतार दिया। साथ ही पार्टी के BMC में गुट नेता मनोज कोटक से निर्दलीय का परचा भरवाकर चुनाव को चुनौती बना दिया। जिससे कुल दस सीटों के लिए 12 उम्मीदवार मैदान में आ गए।
इस बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से पर लगी आरोपों की झड़ी को लेकर आलाकमान ने रिपोर्ट मंगवाई। जिस वजह से राज्य बीजेपी के खड़से खेमे के विधायकों में नाराज़गी देखी गई। इससे पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार को ख़तरा पैदा हो गया था। ऐसे में बीजेपी ने 2 उम्मीदवारों का नामांकन वापिस ले कर अपनी साख बचा ली। साथ ही पार्टी को खड़से के समर्थन में आना पड़ा।
अपनी दावेदारी को वापस ले चुके बीजेपी नेता प्रसाद लाड़ ने NDTV इंडिया से बातचीत में कहा कि उनका फैसला पार्टी से मिले आदेश पर लिया गया है। चुनाव में उतरने का फैसला भी पार्टी का ही था।
दस सीटों के लिए होने जा रहे महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में विधानसभा विधायक वोट करनेवाले थे। बीजेपी के पास मौजूदा वोट बैंक के अनुसार 5 सीटों पर उसकी जीत आसान थी। बावजूद इसके, पार्टी ने इस चुनाव में एनसीपी से हाल ही में पार्टी में आए मजदूर नेता प्रसाद लाड़ को मैदान में उतार दिया। साथ ही पार्टी के BMC में गुट नेता मनोज कोटक से निर्दलीय का परचा भरवाकर चुनाव को चुनौती बना दिया। जिससे कुल दस सीटों के लिए 12 उम्मीदवार मैदान में आ गए।
इस बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से पर लगी आरोपों की झड़ी को लेकर आलाकमान ने रिपोर्ट मंगवाई। जिस वजह से राज्य बीजेपी के खड़से खेमे के विधायकों में नाराज़गी देखी गई। इससे पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार को ख़तरा पैदा हो गया था। ऐसे में बीजेपी ने 2 उम्मीदवारों का नामांकन वापिस ले कर अपनी साख बचा ली। साथ ही पार्टी को खड़से के समर्थन में आना पड़ा।
अपनी दावेदारी को वापस ले चुके बीजेपी नेता प्रसाद लाड़ ने NDTV इंडिया से बातचीत में कहा कि उनका फैसला पार्टी से मिले आदेश पर लिया गया है। चुनाव में उतरने का फैसला भी पार्टी का ही था।
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